भारतीय भाषाओं के साथ ही बांग्लादेश और नेपाल की कविताओं के बिखरेंगे रंग

जेकेके में 21 से 23 फरवरी तक आयोजित होगा पीएलएफ, देश के शीर्ष कवियों के रचना-पाठ से होगा साहित्य उत्सव का आगाज

<p>भारतीय भाषाओं के साथ ही बांग्लादेश और नेपाल की कविताओं के बिखरेंगे रंग</p>
जयपुर. राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से 21 से 23 फरवरी तक समानान्तर साहित्य उत्सव (पीएलएफ) का आयोजन किया जाएगा। साहित्य उत्सव के इस तीसरे संस्करण का आगाज देश के चुनिंदा शीर्ष कवियों के रचना पाठ से होगा। इसमें नरेश सक्सेना, राजेश जोशी, उदय प्रकाश, मंगलेश डबराल और लीलाधर मण्डलोई अपनी कविताएं पढ़ेंगे। इसके अलावा विभिन्न सत्रों में राजस्थानी, पंजाबी, सिंधी, गुजराती, मराठी आदि में कविता पाठ के साथ ही ‘कविता का उत्तर-पूर्व’ सत्र में असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के रचनाकारों की कविताएं सुनने को मिलेंगी। ‘हिमालय की गोद में’ शीर्षक वाले सत्र में हिंदी और नेपाली कविताओं का पाठ होगा। पड़ौसी देशों की कविताओं के साथ ही ‘हिंदी-उर्दू अदब की नदियां’ सत्र में मशहूर शायर शीन काफ निजाम की अध्यक्षता में गंगा-जमुनी मुशायरा होगा। प्रसिद्ध जन कवि बल्ली सिंह चीमा का एकल रचना पाठ होगा।
इसी तरह देश के जाने-माने कहानीकारों उदय प्रकाश, ममता कालिया, जितेंद्र भाटिया और सुधा अरोड़ा के जीवन और रचना संसार पर बातचीत के विशेष सत्र होंगे।
‘मेरी कहानी, मेरे किरदार’
पीएलएफ में कहानियों पर एक दिलचस्प सत्र होगा। ‘मेरी कहानी, मेरे किरदार’ सेशन में विख्यात कहानीकार धीरेंद्र अस्थाना, हरीश पाठक, महेश कटारे, जयनंदन, उषा राजे सक्सेना, ओमा शर्मा और नीतू मुकुल कथा में पात्रों के बनने की कहानी सुनाएंगे। ‘मेरी प्रिय कहानी’ सत्र में चर्चित कथाकारों की पसंद का खुलासा होगा। यह सत्र हाल ही दिवंगत हुए कहानीकार कृष्ण बैद को समर्पित होगा। कहानी-कविता के आलोचना सत्र भी होंगे।
याद-ए-गालिब
आयोजकों ने बताया कि विभाजन से पहले लाहौर में हिंदी सिनेमा के लुप्त हो चुके अध्याय की पड़ताल करेंगे। विख्यात फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज से चर्चित रेडियो उद्घोषक यूनुस खान चर्चा करेंगे। फिल्म पटकथा लेखक और गीतकार रामकुमार सिंह ढोला-मारू की अजब प्रेम की गजब कहानी को नाटकीय अंदाज में पेश करेंगे। मिर्जा गालिब के कोलकाता और बनारस के सफरनामे के पन्ने ‘याद-ए-गालिब’ सत्र में खुलेंगे, इसमें गालिब इंस्टिट्यूट के निदेशक रजा हैदर से लेखक विनोद भारद्वाज बात करेंगे। ‘घटाटोप में घाटी’ सत्र में कश्मीर के हाल जानने को मिलेंगे, जिसमें विषय विशेषज्ञ अशोक कुमार पांडेय और डॉ. संजय पारवा से कश्मीर से आ रही लेखिका सागरिका किस्सू चर्चा करेंगी। संगीत और चित्रकला के कलाकारों के सत्र भी इसमें होंगे।
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