इससे पहले 23 मार्च को भी खबर आई थी कि टाइगर रिजर्व की दो बाघिनों ने चार शावकों को जन्म दिया है। कैमरा ट्रैप में एक बाघिन को रमपुरा और दूसरे को किशनगढ़ रेंज में पहली बार शावकों के साथ घूमते हुए देखा गया था। शावक करीब तीन माह के बताए जा रहे हैं। नए शावकों के आगमन के साथ ही टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या करीब 75 पहुंच गई थी और ब्रीडिंग बाघिनों की संख्या 13 हो गई है।
टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने पुष्टी की थी कि बाघिन पी-234 कोर रेंज के रमपुरा के पास दो शावकों के साथ देखी गई है। उम्र करीब तीन साल है। बाघिन और दोनों शावक स्वस्थ हैं। पन्ना कोर क्षेत्र में रमपुरा क्षेत्र में लगे कैमरा ट्रैप की मॉनीटरिंग के दौरान बाघिन को दो शावकों के साथ घूमते हुए नजर आई है।
स्थायी निवास तय
किशनगढ़ रेंज में बाघ और बाघिनों की आवाजाही तो अक्सर बनी रहती थी, किंतु इससे पहले बाघिनों ने शावकों को नहीं जन्मा था। यह पहली बार है कि टाइगर रिजर्व की एक अन्य बाघिन पी-643 किशनगढ़ रेंज में दो शावकों के साथ देखी गई है। इससे अब इस क्षेत्र में बाघों का स्थायी निवास तय हो गया है। टाइगर रिजर्व में बीते साल तक ब्रीडिंग बाघिनों की संख्या महज 10 थी।
किशनगढ़ रेंज में बाघ और बाघिनों की आवाजाही तो अक्सर बनी रहती थी, किंतु इससे पहले बाघिनों ने शावकों को नहीं जन्मा था। यह पहली बार है कि टाइगर रिजर्व की एक अन्य बाघिन पी-643 किशनगढ़ रेंज में दो शावकों के साथ देखी गई है। इससे अब इस क्षेत्र में बाघों का स्थायी निवास तय हो गया है। टाइगर रिजर्व में बीते साल तक ब्रीडिंग बाघिनों की संख्या महज 10 थी।
नए साल के तीन महीने में तीन नई बाघिनों ने शावकों को जन्म देकर ब्रीडिंग बाघिनों की संख्या में इजाफा कर दिया है। अब यहां ब्रीडिंग बाघिनों की संख्या 13 हो गई है। फरवरी के अंतिम दिनों बाघिन पी- 234 को तीन शावकों के साथ पहली बार देखा गया था। अब बाघिन पी-234 और पी 643 ने दो-दो शावकों को जन्म दिया है। प्रबंधन को उम्मीद है कि साल के अंत तक तीन और बाघिनें शावकों को जन्म दे सकती हैं।