रक्त हो जाता है पतला
डेंगू रोग होने पर सीबीसी की जांच जरूरी मानी जाती है। इसमें ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाती है। खून पतला हो जाता है। ब्लड प्रेशर नीचे चले जाने पर मरीज की स्थिति गंभीर अवस्था में पहुंच जाती है। ऐसे मरीजों को जरूरत होने पर प्लेटलेट्स भी चढ़ानी पड़ती है।
डेंगू रोग होने पर सीबीसी की जांच जरूरी मानी जाती है। इसमें ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाती है। खून पतला हो जाता है। ब्लड प्रेशर नीचे चले जाने पर मरीज की स्थिति गंभीर अवस्था में पहुंच जाती है। ऐसे मरीजों को जरूरत होने पर प्लेटलेट्स भी चढ़ानी पड़ती है।
यह करवाया जाता है टेस्ट
इस रोग की जांच के लिए एक कार्ड टेस्ट करवाया जाता है, लेकिन वह मान्य नहीं है। इसमें इम्यूनो ग्लोबिबलिन एम व जी (आइजीजी व आजीएम) जांच होती है। इसके लिए एन्टोमोलोजिकल सर्वे (मच्छर को पकडकऱ वायरस की जांच) करवाने पर वैरीयंट का पता लगता है। जो नहीं होती है। इसमें वाइपरल पीसीआर टेव्स्ट से वायरस का पता लगता है।
इस रोग की जांच के लिए एक कार्ड टेस्ट करवाया जाता है, लेकिन वह मान्य नहीं है। इसमें इम्यूनो ग्लोबिबलिन एम व जी (आइजीजी व आजीएम) जांच होती है। इसके लिए एन्टोमोलोजिकल सर्वे (मच्छर को पकडकऱ वायरस की जांच) करवाने पर वैरीयंट का पता लगता है। जो नहीं होती है। इसमें वाइपरल पीसीआर टेव्स्ट से वायरस का पता लगता है।
डेंगू से बचाव ही उपचार
डेंगू के मरीज सामने आने लगे है। इससे बचाव ही उपचार है। लोगों को मच्छरों से बचाव के जतन करने के साथ घरों के कूलर आदि में पानी एकत्रित नहीं रखना चाहिए। उनकी नियमित सफाई करना जरूरी है। –डॉ. एचएम चौधरी, बांगड़ मेडिकल कॉलेज, पाली
डेंगू के मरीज सामने आने लगे है। इससे बचाव ही उपचार है। लोगों को मच्छरों से बचाव के जतन करने के साथ घरों के कूलर आदि में पानी एकत्रित नहीं रखना चाहिए। उनकी नियमित सफाई करना जरूरी है। –डॉ. एचएम चौधरी, बांगड़ मेडिकल कॉलेज, पाली
यह है लक्षण
-सामान्यत: डेंगू मच्छर काटने के सात दिन बाद बुखार आता है।
-आंखों के पीछे की तरफ सिर में दर्द होता है।
-पेट दर्द व उल्टी होने की शिकायत हो जाती है।
-मांसपेशियों में तेज दर्द होता है।
-कई लोगों के शरीर पर लाल चकते हो जाते है।
-कुछ मरीजों के नाक-मुंह व मसुड़ों में से खून भी आने लगता है।
-सामान्यत: डेंगू मच्छर काटने के सात दिन बाद बुखार आता है।
-आंखों के पीछे की तरफ सिर में दर्द होता है।
-पेट दर्द व उल्टी होने की शिकायत हो जाती है।
-मांसपेशियों में तेज दर्द होता है।
-कई लोगों के शरीर पर लाल चकते हो जाते है।
-कुछ मरीजों के नाक-मुंह व मसुड़ों में से खून भी आने लगता है।
यह करना चाहिए बचाव के लिए
-खुले में पानी को नहीं रखना चाहिए।
-घरों में रखे टायर, कूलर आदि में पानी जमा नहीं होने देना। उनकी सफाई करना।
-घरों के आस-पास भी बरसाती पानी आदि एकत्रित है तो उसे सुखाना या उसमें मिट्टी का तेल आदि डालना।
-खुले में पानी को नहीं रखना चाहिए।
-घरों में रखे टायर, कूलर आदि में पानी जमा नहीं होने देना। उनकी सफाई करना।
-घरों के आस-पास भी बरसाती पानी आदि एकत्रित है तो उसे सुखाना या उसमें मिट्टी का तेल आदि डालना।