पानी दरवाजा से निकलती थी राम की सेना
रामलीला कमेटी के प्रवक्ता मांगूसिंह दुदावत ने बताया कि रामलीला का मंचन इस तरह से किया जाता था कि दशहरे के दिन रावण वध का मंचन किया जा सके। जिसका मंचन रावण, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतलों के समक्ष किया जाता था। वहां राम-रावण की सेना का युद्ध भी होता था। इससे पहले पानी दरवाजा स्थित मंदिर से राम की सेना का जुलूस निकाला जाता था। इस बार रामलीला नहीं होने से यह कार्यक्रम भी नहीं हो सकेगा।
रामलीला कमेटी के प्रवक्ता मांगूसिंह दुदावत ने बताया कि रामलीला का मंचन इस तरह से किया जाता था कि दशहरे के दिन रावण वध का मंचन किया जा सके। जिसका मंचन रावण, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतलों के समक्ष किया जाता था। वहां राम-रावण की सेना का युद्ध भी होता था। इससे पहले पानी दरवाजा स्थित मंदिर से राम की सेना का जुलूस निकाला जाता था। इस बार रामलीला नहीं होने से यह कार्यक्रम भी नहीं हो सकेगा।
लोगों के आकर्षण का केन्द्र है रामलीला
पाली में आयोजित रामलीला शहरवासियों के आकर्षका का केन्द्र रहती है। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी शाम को रामलीला मैदान जाते थे। रावण दहन के दिन तो रामलीला मैदान में पैर रखने की जगह नहीं रहती है। पुलिस को वाहनों का प्रवेश भी सब्जी मण्डी क्षेत्र और प्रधान डाकघर के पास से बंद करना पड़ता था। वहां से लोग पैदल ही रामलीला मैदान तक जाते थे।
पाली में आयोजित रामलीला शहरवासियों के आकर्षका का केन्द्र रहती है। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी शाम को रामलीला मैदान जाते थे। रावण दहन के दिन तो रामलीला मैदान में पैर रखने की जगह नहीं रहती है। पुलिस को वाहनों का प्रवेश भी सब्जी मण्डी क्षेत्र और प्रधान डाकघर के पास से बंद करना पड़ता था। वहां से लोग पैदल ही रामलीला मैदान तक जाते थे।
इस बार नहीं करेंगे दहन
आतिशबाजी करने पर रोक है। धारा 144 लगी हुई है। कोरोना का खतरा भी है। इस कारण इस बार रावण दहन नहीं करने का निर्णय किया गया है। –रेखा राकेश भाटी, सभापति, नगर परिषद, पाली
आतिशबाजी करने पर रोक है। धारा 144 लगी हुई है। कोरोना का खतरा भी है। इस कारण इस बार रावण दहन नहीं करने का निर्णय किया गया है। –रेखा राकेश भाटी, सभापति, नगर परिषद, पाली