चिकित्सकों का जज्बा : ‘अदृश्य शत्रु’ को करेंगे धराशायी

-कोरोना की दूसरी लहर में चिकित्साकर्मी जुटे फिर सेवा में, एक ही लक्ष्य हरा देंगे महामारी को-पाली के बांगड़ चिकित्सालय के 13 वार्ड सहित लैब में 24 घंटे कर रहे सेवा

<p>चिकित्सकों का जज्बा : ‘अदृश्य शत्रु’ को करेंगे धराशायी</p>
पाली। कोरोना की पहली लहर के दौरान जो जोश और जज्बा चिकित्साकर्मियों ने दिखाया था। उससे भी अधिक आत्मविश्वास और संकल्प के साथ वे दूसरी लहर के वायरस को धराशायी करने में जुटे हैं। पहले दौर में संक्रमण की चपेट में आपने आने और संसाधनों के अभाव में भी एक बार तो नवम्बर के बाद कोरोना को पछाडऩे वाले ये योद्धा अब फिर कोरोना को हराकर मरीजों को मौत के मुंह से बाहर ला रहे है। इसमें चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टॉफ व संविदाकर्मी के साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी पीछे नहीं है।
बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में शनिवार सुबह तक 13 वार्ड के 245 बेड पर 231 कोरोना के मरीज भर्ती थे। इनमें से 150 कोरोना संदिग्ध और अन्य पॉजिटिव थे। इनमें से 174 के ऑक्सीजन लगी है। इनकी ही सेवा 24 घंटे जुटे हैं 11 चिकित्सक, 147 नर्सिंगकर्मी, संविदाकर्मी और एनआरएचएम के 8 कार्मिक।
जरूरत दो की, लेकिन कई जगह कार्मिक एक
कोविड के वार्ड में कम से कम दो कार्मिकों का जोड़ा चाहिए, लेकिन बांगड़ चिकित्सालय में सीएमएचओ की ओर से मांगे गए 100 कार्मिक में से अभी तक महज 17 ही दिए गए है। ऐसे में चिकित्सालय के कई वार्डों में एक-एक कार्मिक ही सभी मरीजों को अटेंड कर रहा है। इसके बावजूद उन कार्मिकों के सेवा करने के जज्बे में कोई फर्क नहीं आया है। लेब तकनीशियन भी पहले से अधिक एक्सरे व सिटी स्कैन कर रहे हैं। सेंटर लेब में भी लेब तकनीशियन पूरे जोश के साथ कोरोना को हराने में जुटे हैं।
मरीज को ठीक करना व कोविड को हराना ध्येय
अभी हमारा ध्येयय कोविड को हराना व मरीज को ठीक करना है। हमारे 13 वार्ड में स्टॉफ की कमी है, लेकिन हमने व्यवस्था इस तरह से की है। जिससे एक कार्मिक 8 घंटे ड्यूटी करें। हालांकि उसमें उसे अधिक कार्य करना पड़ रहा है। साप्ताहिक अवकाश के अलावा अन्य अवकाश नहीं दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज कार्मिक भी सहयोग कर रहे हैं। –डॉ. आरपी अरोड़ा, पीएमओ, बांगड़ चिकित्सालय, पाली
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