अफसोस : चिकित्सा विभाग की टीम की नजर में हालात बेहतर, अस्पतालों में भीड़ और डेंगू का डंक नजरअंदाज

-हर तीसरे-चौथे मरीज को डेंगू की शिकायत और हालात बताए बेहतर-बांगड़ चिकित्सालय, टैगोर नगर यूपीएचसी व जनता कॉलोनी क्षेत्र में किया सर्वे

<p>अफसोस : चिकित्सा विभाग की टीम की नजर में हालात बेहतर, अस्पतालों में भीड़ और डेंगू का डंक नजरअंदाज</p>
पाली। डेंगू व मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जायजा लेने के लिए एक टीम पाली पहुंची। उसे सीएमएचओ कार्यायल की ओर से किए जा रहे कार्यों को बेहतर बताने के लिए ऐसे क्षेत्रों में ले जाया गया जहां सर्वे कर लिया गया है। जबकि हकीकत यह है कि शहर में एंटी लार्वा या सर्वे का कार्य महज दावों में ही चल रहा है। अस्पताल सहित निजी चिकित्सालयों में हर तीसरा-चौथा मरीज डेंगू पीडि़त आ रहा है, लेकिन टीम से यह छुपा लिया गया। ऐसा ही राज्य स्तर पर भेजी जाने वाले रिपोर्ट में भी बताया गया है। जिससे पाली जिला बेहतर बना हुआ है। इसकी पोल अस्पताल में लग रही मरीजों की कतार खोल रही है।
बांगड़ में मरीजों से पूछे हालात, जांची दवाइयां
डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान के तहत पाली पहुंचे चिकित्सा विभाग निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. राजेश कुमार शर्मा, जोधपुर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. मनोज लाखोटिया व प्रोफेसर डॉ. रीता मीणा ने पहले बांगड़ चिकित्सालय का जायजा लिया। वहां पर मेडिकल वार्ड के उपलब्ध 70 बेड व अतिरिक्त बेड के साथ दवाइयों की जानकारी ली। मरीजों से दवाइयों की उपब्धता व उपचार के बारे में पूछा। जिस पर संतुष्टी पूर्ण जवाब मिला। इस दौरान मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दीपक वर्मा, डॉ. एमएच चौधरी सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
फिजिशियन के कहे अनुसार एसडीपी देने को कहा
बांगड़ चिकित्सालय में ब्लड बैंक की ओर से मरीजों को एसडीपी किट प्लेटलेट्स दस हजार से कम होने पर ही दिए जा रहे हैं। इस पर टीम ने ब्लड बैंक प्रभारी से कहा कि हालांकि मानक तय है, लेकिन यह किट फिजिशयन के कहने पर देना होगा फिर चाहे प्लेटलेट्स दस हजार से कम ही क्यूं न हो। इस किट की जरूरत डेंगू के मरीजों में रक्तस्राव होने पर जरूरी होती है। ऐसे में प्लेटलेट्स नहीं देखी जा सकती। दल ने टैगोर नगर यूपीएचसी का भी जायजा लिया।
जनता कॉलोनी क्षेत्र का करवाया सर्वे
बांगड़ चिकित्सालय के बाद सीएमएचओ कार्यालय की ओर से दल को फिल्ड सर्वे के नाम पर जनता कॉलोनी का सर्वे कराया गया। जहां एंटी लार्वा सहित फोगिंग की गई है। जबकि हकीकत यह है कि जिले में कई जगह पर अभी तक यह एक्टिविटी नहीं की गई है। गांवों में भी प्रशासन गांवों के संग शिविर लगने से पहले यह एक्टिविटी करवाई जा रही है। जहां शिविर नहीं है। वहां पर एक्टिविटी नहीं हो पाई है। सर्वे के दौरान बीसीएमओ डॉ. ओमप्रकाश चौधरी, एपिडेमियोलोजिस्ट डॉ. अंकित माथुर, यूपीएम जितेन्द्र परमार आदि साथ थे।
अस्पताल में लगी कतार बयां कर रही हकीकत
डेंगू व मौसमी बीमारियों के मरीजों की हकीकत चाहे कुछ भी बताई जा रही हो, लेकिन जिले के सबसे बड़े बांगड़ चिकित्सालय के आउटडोर में चिकित्सकों के कक्ष, दवा वितरण केन्द्रों व एक्स-रे कक्ष के आगे लगी कतार हालात को बयां कर रहे है। वहां पर रोजाना मौसमी बीमारियों के मरीज बड़ी संख्या में आ रहे है। अस्पताल का आउटडोर भी करीब 2000 पर पहुंच गया है। इसके बावजूद चिकित्साधिकारी अभी तक हालात सामान्य ही बता रहे है।
फोगिंग व एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाई शुरू
पाली में अस्पताल के साथ फिल्ड का जायजा लिया। इसमें अस्पताल में व्यवस्था ठीक है। अभी कोई गंभीर रोगी नहीं है। बेड भी पर्याप्त है। शहर में फोगिंग व एंटी लार्वा की एक्टिविटी शुरू करवाई है। डेंगू व मौसमी बीमारियों को लेकर जिले की रिपोर्ट मंगवाई है। इस बारे में अध्ययन कर कल जिले के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। –डॉ. राजेश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा विभाग निदेशालय, जयपुर
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