उन्होंने बताया कि नए भवन में 40 कमरे 2 हॉल है। जो सभी सुविधाओं युक्त है। भवन से होने वाली आय का 10 प्रतिशत जीव दया में तथा 10 प्रतिशत साधु संतों के वैयावच्च में खर्च किया जाता है। लोकमान्य संत रूपचंद ने गुरु भक्तों का नाम लिखवाया था। जिनका योगदान संघ समाज को हमेशा रहता है।
माला पहनाकर किया स्वागत
माला पहनाकर किया स्वागत
गुरु भक्तों के बहुमान के लिए भक्ति सुयश अभिनंदन अवार्ड का आयोजन किया गया। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए गुरु भक्तों का रूप रूप रजत विहार की ओर से स्मृति चिन्ह देकर व माला पहनाकर बहुमान किया गया। अतिथियों ने शिक्षा व राजनीति में आगे बढऩे की प्रेरणा दी। संचालन ओम आचार्य ने किया। इस मौके जैन समाज के पदाधिकारियों व जैन युवा संगठन का स्वागत किया गया।