जनवरी में कुल 438 भारतीय मछुआरों को रिहा किया
सिंध प्रांत के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा कि अधिकारियों को इस्लामाबाद स्थित गृह मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद मछुआरों को रिहा किया गया। पाकिस्तान और भारत नियमित रूप से एक-दूसरे देशों के उन मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं, जो मछली पकड़ने के लिए जल सीमा पार कर जाते हैं। दोनों देशों में समुद्री सीमा को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने इस वर्ष जुलाई में 78 भारतीय मछुआरों के एक समूह को रिहा किया था। जुलाई में 78 भारतीय मछुआरों को लांधी जेल से रिहा किया गया था। नसीमा ने कहा कि करीब 200 भारतीय मछुआरे अब भी इस जेल में बंद हैं। दिसंबर और जनवरी में कुल 438 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था।
जासूसी नहीं मछली पकड़ने आते हैं
पाकिस्तान द्वारा हाल ही में 68 भारतीय मछुआरों को रिहा किए जाने के बाद सरकार ने एक बच्चे सहित 10 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा किया, जो आज अंतर्राष्ट्रीय अटारी बार्डर के रास्ते पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं। पाकिस्तानी मछुआरों का भी यही कहना था कि वे भारतीय सीमा में जासूसी करने के लिए नहीं बल्कि मछलियां पकडऩे के लिए आते हैं, समुद्र की लहरों के बहाव में भारतीय सीमा में पहुंच जाते हैं और गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में मछुआरों को रिहा कर दिया जाना चाहिए, चाहे वे भारतीय मछुआरे हों या फिर पाकिस्तानी। इसके अलावा उन कैदियों की भी रिहाई होनी चाहिए जो जेलों में अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।