ऐसे में एक बार फिर से पाकिस्तान के तमाम विपक्षी दल सड़कों पर उतरने वाले हैं। कोरोना संकट के कारण लगाए गए पाबंदी के बावजूद विपक्षी दलों ने इमरान सरकार के खिलाफ विशाल रैली ( Pakistan Opposition Rally ) करने का फैसला किया है। विपक्षी दलों के गठबंधन ने एलान किया है कि सरकार की पाबंदी के बावजूद 22 नवंबर को रैली की जाएगी।
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बता दें कि पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ 11 विपक्षी दलों ने मिलकर एक साथ 20 सितंबर को एक मोर्चा बनाया था, जिसका नाम पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) रखा है। PDM ने इमरान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक निर्णाय लड़ाई छेड़ी है। इससे पहले 16 अक्टूबर को PDM ने पंजाब प्रांत के गुजरांवाला शहर में आयोजित की थी।
22 नवंबर को पेशावर में होगी रैली
बता दें कि इस बार पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने 22 नवंबर को पेशावर में विशाल रैली करने का फैसला किया है। PDM के प्रक्ता अब्दुल जलील जान ने जानकारी देते हुए बताया है कि देश में पाबंदी के बावजूद पेशावर में यह रैली की जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना से लड़ने में इमरान सरकार विफल रही है और कोरोना महामारी की आड़ में आम जनता की आवाज को दबाना चाहती है। 15 नवंबर को गिलगिट-बाल्टिस्तान में हुए विधानसभा चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI ) पर धांधली करने का आरोप लगा है। चुनाव में गड़बड़ी पैदा करने को लेकर व्यापक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
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बता दें कि गिलगिट बाल्टिस्तान के चुनाव परिणामों पर बढ़ते विरोध के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने रैलियों और सभाओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। इमरान सरकार ने सोमवार को नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद कोरोना महामारी को लेकर तीन सौ से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा होने पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री ने हमें बताया कि चुनाव अभियानों के बाद कोरोना वायरस काफी फैल गया था।