जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ही शाहीना का बलूचिस्तान के तुरबत में तबादला हुआ था। इस हत्याकांड में शाहीना के पति के भी शामिल होने का आरोप है।
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पुलिस के मुताबिक, शाहीना के पति मेहराब गिचकी कार में अपनी पत्नी के शव को लेकर अस्पताल पहुंचा आया था। लेकिन वह थोड़ी देर बाद वहां से फरार हो गया। पुलिस ने आगे बताया कि गोली लगने की वजह से महिला की मौत हो चुकी थी। शुरूआती पड़ताल में पुलिस को गिचकी के घर से खून के धब्बे, एक खाली गोली का खोल और एक गोली मिली है। फिलहाल पुलिस ने गिचकी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
क्वेटा यूनिवर्सिटी से Ph.D कर रही थीं शाहीना
जानकारी के मुताबिक, 27 वर्षीय शाहीना इससे पहले एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करती थीं। इसके बाद जब उनका चयन सरकारी टीवी चैनल में हो गया। कुछ महीने तक इस्लामाबाद में काम करने के बाद उनका तबादला बलूचिस्तान के तुरबत में हो गया। बताया जा रहा है कि शाहीना एक स्थानीय मैगजीन की संपादक भी थीं। वह क्वेटा यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी कर रहीं थीं।
पुलिस ने बताया है कि शाहीना की हत्या उनके घर में घुसकर की गई। पुलिस के मुताबिक, दो हमलावर उनके घर पहुंचे। दरवाजा खोलते ही शाहीना पर गोलियां चलाईं। शाहीन को पांच गोलियां लगीं।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि शाहीना की हत्या उनके पति ने ही की है, क्योंकि वह बलूचिस्तान में काफी मशहूर हो रही थी। शाहीना एक बलूची भाषा की पत्रिका की संपादक होने के साथ ही ‘पीटीवी बोलन’ पर प्रसारित होने वाले एक कार्यक्रम की भी मेजबानी करती थीं। वह बलूच महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करती थीं।
पिछले साल भी एक महिला पत्रकार की हुई थी हत्या
आपको बता दें कि पाकिस्तान में लगातार पत्रकारों और महिलाओं पर इस तरह के हमले लगातार होते आ रहे हैं। 2018 में द ऑरात फाउंडेशन की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया था कि बलूचिस्तान में सम्मान के नाम पर 30 महिलाओं सहित 50 लोग मारे गए थे। यह संगठन महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रही थी।
मालूम हो कि इससे पहले बीते साल मई में उरूज इकबाल नामक की एक महिला पत्रकार की गोली मारकर हत्या की गई थी। वह एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करती थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1992 से अब तक यानी बीते 28 सालों में पाकिस्तान में 61 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है।