बीते दिनों मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीरउर रहमान को तीन अलग-अलग मामलों में 15 साल की सजा सुनाई थी और अब कुख्यात आतंकी मसूद अजहर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है।
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दरअसल, पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ( Anti Teroorism Court ) ने पंजाब पुलिस को आदेश दिया है कि संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी के रूप में घोषित जैश-ए-मोहम्मद (Jaish E Mohhamad) के सरगना मसूद अजहर ( Masood Azhar ) को आतंकी वित्त पोषण से जुड़े मामले में 18 जनवरी तक गिरफ्तार किया जाए।
आतंकवाद रोधी अदालत एटीसी गुजरांवाला ने मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि एटीसी गुजरांवाला न्यायाधीश नताशा नसीम सुप्रा ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सीटीडी को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 18 जनवरी तक गिरफ्तार करने और अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।
मसूद अजहर पर गंभीर आरोप
आपको बता दें कि आतंकवादी मसूद अजहर पर आतंकी वित्तपोषण और आतंकी सामग्री के प्रचार-प्रसार जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक सक्रिय आतंकी सगठन है, जो भारत को अस्थिर करने के लिए लगातार कोशिश में जुटा है।
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इससे पहले दुनियाभर में भी कई आतंकी हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने की बात सामने आई है। अजहर ने खुद ये माना था कि 1993 में आतंकी संगठन अलकायदा के सोमालियाई समर्थक संगठन अल इतिहाद अल इस्लामिया के नेताओं से मिलने नैरोबी (केन्या) गया था।
आपको बता दें कि कुछ दिनों बाद एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। उससे पहले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर FATF को एक संदेश देना चाहता है। इससे पहले जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और 2019 के अंत तक धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा था। हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण समय सीमा आगे बढ़ा दी गई थी। एटीसी लाहौर ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में सईद को कुल मिलाकर 36 साल की सजा सुनाई थी। जुलाई 2019 से वह लाहौर की कोट लखपत जेल में हैं।