पुलिस के पास दर्ज FIR में 350 से अधिक लोगों के नाम शामिल हैं। बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले के टेरी गांव में एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ ने हमला करते हुए एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी।
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इतना ही नहीं, हमलावरों ने मंदिर में आग लगा दी थी। इसके बाद से आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी में जिन आरोपियों के नाम दर्ज हैं, उन सभी की तलाश की जा रही है। इस मामले में गुरुवार को पाकिस्तान के चीफ जस्टिस जस्टिस अहमद ने स्वतः संज्ञान लिया था। अब इसकी अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
मुख्य आरोपी मौलवी गिरफ्तार
आपको बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर नोटिफिकेशन जारी किया और कहा पाकिस्तान में हिंदू काउंसिल के पेट्रन-इन-चीफ रमेश कुमार से मुलाकात के बाद घटना का संज्ञान लिया है। रमेश कुमार ने कहा ‘मैं न्यायपालिका में भरोसा करता हूं और उम्मीद है कि इस मामले में न्याय किया जाएगा।’
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इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने मुख्य आरोपी मौलवी मोहम्मद शरीफ समेत 55 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने इस मामले में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के दो स्थानीय मौलवियों मौलवी मोहम्मद शरीफ और मौलाना फैजुल्लाह सहित सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
मालूम हो कि श्री परमहंस जी महाराज जी की इस समाधि को हिंदू श्रद्धालुओं के बीच काफी पावन माना जाता है और यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन को पहुंचते हैं। इससे पहले 1997 में भी यहां पर हमला किया जा चुका है।
भारत ने दर्ज कराई आपत्ति
मालूम हो कि भारत ने दर्ज कराई आपत्ति भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने राजनयिक माध्यम से पाकिस्तान के समक्ष इस मामले को लेकर विरोध दर्ज कराया है। इस बीच पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर भारत के विरोध को शनिवार को ‘पूरी तरह से अनुचित’ करार दिया। दूसरी तरफ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की है।