बता दें कि आतंकी लखवी मुंबई हमले के मामले में 2015 से जमानत पर था, लेकिन पाकिस्तानी सरकार को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के खौफ और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण आखिरकार शिकंजा कसना पड़ा है।
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दो दिन पहले लखवी की गिरफ्तारी के बाद अमरीका की ओर से बड़ा बयान सामने आया था। आतंकी जकीउर रहमान लखवी को गिरफ्तार को लेकर अमरीका ने तारीफ की थी और कहा था कि मुंबई हमले के पीछे लखवी की जिम्मेदारी तय की जाए और उसे उसकी कड़ी सजा मिले।
तीन अलग-अलग अपराधों में पांच-पांच साल कैद की सजा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने आतंकी लखवी को तीन अलग-अलग मामलों में पांच-पांच साल की सजा सुनाई है, साथ ही एक लाख का जुर्माना लगाया है। पंजाब के आतंकवाद निरोधक विभाग (CTD) की खुफिया सूचना पर आतंकियों को धन मुहैया कराने के मामले में लखवी को गिरफ्तार किया गया था।
सीटीडी के मुताबिक, आतंकी लखवी पर एक दवाखाना चलाने के लिए जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण करने का आरोप है। लखवी ने अपने इस दवाखाने से जुटाए धन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया है। लखवी के खिलाफ लाहौर स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत में मुकदतमा चलाया गया।
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आपको बता दें कि 26 नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टर माइंड लखवी है। आतंकी संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व में ही लश्कर-ए-तैयबा ने 2008 में मुंबई आतंकी हमलो को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जबकि तीन सौ लोग घायल हुए थे।
संयुक्त राष्ट्र ने लखवी को घोषित किया है आतंकी
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से जुड़े होने और आतंकवाद के लिए रकम, योजना और सहायता मुहैया कराने के साथ-साथ हमलों की साजिशें रचने को लेकर लखवी को 2008 में ही वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में घोषित आतंकियों और समूहों की संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने जैसे प्रावधान हैं। हालांकि बाद में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने लखवी को निजी खर्च के लिए डेढ़ लाख रुपये के मासिक भुगतान की इजाजत दे दी थी।