दिक्कत आंसू गैस के गोले छोड़े जाना नहीं था, बल्कि सैलरी में इजाफे की थी
पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक, शेख रशीद रावलपिंडी में एक समारोह में गए थे। उन्होंने ये बात कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा।पाकिस्तान के आंतरिक ने कहा, ‘असल में दिक्कत आंसू गैस के गोले छोड़े जाना नहीं था, बल्कि सैलरी में इजाफे की थी। अभी देश के आर्थिक हालात खराब हैं और मंहगाई दर काफी अधिक तो सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा, ‘कोरोना महामारी से जूझते पाकिस्तान को इससे बाहर लाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने काफी कुछ किया है। इसके लिए पीएम ने सेना के साथ मिलकर जेहाद छेड़ा हुआ है। फिर भी मैं इन लोगों से कहता हूं कि अगरप वो संविधान के दायरे में रहते हुए विरोध करते हैं तो कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन यदि वो इस्लामाबाद आकर संविधान की धज्जियां उड़ाकर अपने विरोध को अंजाम देते हैं तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा।’
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छोड़े गए थे 1 हजार आंसू गैस के गोले बता दें पाकिस्तान में लगातार सरकार विरोधी प्रदर्शनों की संख्या बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैलियों के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सरकार से अपनी सैलरी में मंहगाई के मुताबिक इजाफा करने के लिए कह रहे हैं।