छठे सीजन को स्थगित करने का फैसला इस लीग के आधिकारिक लाइसेंस होल्डर-स्पोटर्जलिव ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) से सलाह के बाद लिया। स्पोटर्जलिव ही राष्ट्रीय खेल महासंघ के बैनर तले इस टूर्नामेंट का आयोजन कराता है। दोनों संगठनों ने इंटरनेशनल ट्रेवल सम्बंधी गाइडलाइंस और उसमें निहित प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया।
कोविड-19 के कारण विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप स्थगित
साथ ही लीग से जुड़े खिलाड़ियों और सभी हितधारकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर भी यह फैसला लिया गया। ऐसे में जबकि दुनिया भर में खेल गतिविधियां तेजी से लौटने लगी हैं, आयोजकों को उम्मीद है कि वे अगले साल इस लीग का आयोजन करा सकेंगे।
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स्पोटर्जलिव के एमडी प्रसाद मांगीपुदी ने कहा, पीबीएल का असल विंडो दिसम्बर का अंत और जनवरी है। इस साल दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है और हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं। स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारे लिए सबसे जरूरी हैं और इसी कारण हमने बीएआई से सलाह के बाद गाइडलाइंस, प्रोटोकॉल्स और प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए 2021 के लिए नई तारीखों की घोषणा का फैसला किया है।
पीबीएल ने सभी शटलरों को न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया है, बल्कि उनके कॅरियर के विकास में भी आर्थिक मदद की है। युवा भारतीय शटलरों के लिए, इसने दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों के साथ खेलने का अवसर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले पांच वर्षों में देश में बैडमिंटन का विकास हुआ है।
मांगीपुदी ने कहा, देश में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं और देश तथा दुनिया इसकी दूसरी लहर की चपेट में है। ऐसे में यह उचित होगा कि हम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोविड-19 संबंधी सलाह का पालन करें। हालांकि, हाल ही में वैक्सीन की घोषणा के साथ, हम आशावादी हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा सहित अन्य चीजें सामान्य स्थिति में लौट आएंगी। लीग ने अगले सत्र से पहले बैडमिंटन की गतिविधियों को वापस लाने के लिए ग्रासरूट लेबल के साथ-साथ अन्य बैडमिंटन गतिविधियों को शुरू करने की योजना बनाई है। पीबीएल दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित बैडमिंटन लीग्स में से एक है। इसमें छह फ्रेंचाइजी खेलती हैं और इसके मैच होम एंड एवे फारमेट में खेले जाते हैं।