अरपिंदर ने रचा इतिहास-
25 साल के अरपिंदर ने 16.77 मीटर की दूरी के साथ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। वह चार साल में एक बार होने वाली इस प्रतियोगिता में एशिया पैसेफिक टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। आज तक किसी भी भारतीय एथलीट ने इस टूर्नामेंट में पदक नहीं जीता था। 2010 से पहले यह टूर्नामेंट IAAF वर्ल्ड कप के नाम से जाना जाता था।
स्वर्ण और अरपिंदर में लम्बा फासला-
अमेरिका के मौजूदा ओलम्पिक और विश्व चैम्पियन क्रिस्टियन टेलर ने 17.59 मीटर कूद लगाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अरपिंदर और स्वर्ण पदक विजेता में 1 मीटर का अंतर था जोकि बहुत ही ज्यादा है। अरपिंदर ने 4-मैन फाइनल में 16.59 मीटर कूद लगाकर जगह बनाई लेकिन 16.33 मीटर की कूद के साथ वह 2-मैन फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहे जिस कारण उनको कांस्य से ही संतोष करना पड़ा।
नीरज का सबसे ख़राब प्रदर्शन-
नीरज चोपड़ा इस समय भारत के सबसे उच्च रैंक वाले एथलीट हैं ऐसे में उनका पदक से चूक जाना और अपने सत्र का सबसे ख़राब प्रदर्शन करना चिंता का विषय है। 2020 टोक्यो ओलम्पिक में भारत को एथलेटिक्स में सबसे बड़ी उम्मीद नीरज से ही है। नीरज ने IAAF कॉन्टिनेंटल कप में 8 एथलीटों में 80.24 मीटर के थ्रो के साथ छठा स्थान प्राप्त किया। इस सत्र में यह उनका सबसे ख़राब इंटरनेशनल थ्रो है। इससे पहले एशियाई खेल में 88.06 मीटर के थ्रो के साथ नेशनल रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता था। यह थ्रो इतना कारगर था कि वह पिछले 4 ओलम्पिक में पदक जीत जाते।