आपकी बात, कश्मीर में फिर आतंक क्यों बढ़ रहा है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

<p>आपकी बात, कश्मीर में फिर आतंक क्यों बढ़ रहा है?</p>
तालिबान का प्रभाव
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के कारण नए आतंकी संगठन सामने आ रहे हैं। ये आतंकी संगठन कश्मीर में आतंक फैला रहे हैं। हाल में हुई शिक्षकों की हत्या और जवानों की शहादत की घटना ने कश्मीर को फिर लहूलुहान कर दिया हैं।
-मनु प्रताप सिंह, चींचड़ौली, खेतड़ी
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पाकिस्तान की बौखलाहट का नतीजा
आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के खत्म होने से आतंकवादियों में बौखलाहट बढ़ गई है, जिसके परिणाम स्वरूप इन्होंने नागरिकों पर हमले तेज कर दिए हैं। आतंकियों के हिटलिस्ट में कश्मीरी पंडित और गैर कश्मीरी टॉप पर हैं। विशेष दर्जे के खत्म होने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने आतंकी घुसपैठ और हथियारों की सप्लाई बढ़ा दी है। हिंदुओं और सिखों में दहशत का माहौल हो, इसके लिए आतंकी टारगेट किलिंग कर रहे हैं। इसके कारण कश्मीर में फिर आतंक बढ़ गया है।
-सरिता प्रसाद, पटना, बिहार
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जरूरी है अंकुश
अभी कुछ दिन पहले अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ है। वहां अब तालिबान सरकार है। उसे पाकिस्तान पूरा समर्थन दे रहा है। इसलिए कश्मीर में आतंकवाद बढ़ रहा है। अगर आतंकियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आतंकी गतिविधियां और तेजी से बढ़ेंगी। अत: हमें सतर्क रहना होगा और उसका मुंहतोड़ जवाब भी देना होगा ।
-महेश सक्सेना, भोपाल, मप्र.
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पाकिस्तान की शह
आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान से ही जुड़ी हुई हैं। बदलते हालात में आतंकी घाटी में अपना सपोर्ट सिस्टम विकसित करने में लगे हुए हैं। घाटी के स्थानीय नौजवानों को ‘फिदायीन’ के रूप में तैयार कर, आतंक की घटनाओं को उन्हीं से अंजाम दिलाना उनकी रणनीति का हिस्सा है। आतंकी स्थानीय भटके युवकों की मदद ले, गैर-मुस्लिमों को अपना निशाना बनवा रहे हैं। वे चाहते हैं कि घाटी में दहशत बनी रहे। कश्मीरियों का मनोबल बढाने के लिए, सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती हर वक्त जरूरी हो जाती है, क्योंकि इनके हटने पर ही आतंक की घटनाओं में इजाफा होने लगता है।
-नरेश कानूनगो, बैंगलूरू, कर्नाटक
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सतर्कता जरूरी
जब से अफगानिस्तान पर तालिबानियों ने कब्जा किया है, आतंकियों के हौसले बुलंद हैं। इनको चीन व पाकिस्तान से भरपूर आर्थिक मदद मिल रही है। उनके कहने पर ही ये कश्मीर में आतंक फैला रहे हैं, निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। परिवार पलायन कर रहे हैं। जब तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, उसी वक्त घोषणा कर दी थी कि जरूरत पडऩे पर कश्मीर में भी दखल देंगे। अब वे यही कर रहे हैं। अब सरकार को और ज्यादा जागरूक होना होगा। सीमा की चौकसी पर सतत निगरानी रखनी होगी।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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तुरंत जवाब दे भारत
पाकिस्तान भारत का दुश्मन है। जब तक उसको तुरंत जवाब देने की नीति नहीं बनेगी तब तक वह मानने वाला नहीं है। इस नीति पर अमल हुआ तो पाकिस्तान सीधे रास्ते पर आ जाएगा।
-आर एस सेन, कोटा
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घुसपैठ से बढ़ रहा है आतंक
पाकिस्तान की नीयत में खोट है। हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर मसले को उठाता रहता है। अफगानिस्तान में सत्ता पलट आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में मददगार बना है। बार-बार युद्धविराम उल्लंघन और घुसपैठ से आतंक बढ़ रहा है।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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स्थानीय लोगों का सहयोग जरूरी
आइएसआइ भी आतंकियों की मददगार है। अब दुश्मनों की पहचान करनी होगी। सेना को वहां के स्थानीय लोगों का सहयोग लेना होगा।
-विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
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आतंकियों का मनोबल तोड़ा जाए
कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है, परन्तु खत्म नहीं हुआ है। आतंकी विचारधारा अभी भी कश्मीर में है और अफगानिस्तान में तालिबानी की विजय से उनका मनोबल ऊंचा हुआ है। फलस्वरूप आतंकी संगठन फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं । उनके मनोबल को तोड़ने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है ।
-श्रीकृष्ण पचौरी , ग्वालियर
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सतर्कता और समझदारी जरूरी
कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है और हम इस बात से भी वाकिफ हैं कि वहां आतंक का साया हमेशा से रहा है । पिछले दिनों की कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि कश्मीर में एक बार फिर से आतंक अपना सर उठा रहा है । अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरा कब्जा हो चुका है और इस बात का असर भी दुनिया के हर हिस्से पर पड़ता नजर आ रहा है । वहीं कुछ आतंकी गुट ऐसे होते हैं, जो इस्लाम के नाम पर भारत में खून खराबा करने की मंशा रखते हैं। कश्मीर को आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए भारत को बहुत सतर्कता और समझदारी से काम लेना पड़ेगा।
-प्रिया राजावत, जयपुर
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