आपकी बात, कोरोना टीके की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

<p>आपकी बात, कोरोना टीके की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है?</p>
व्यवस्था पर सवाल
वैक्सीनेशन की आपूर्ति का जिम्मा केंद्र सरकार पर है, क्योंकि जितने भी समझौते तथा एमओयू करने होते हैं वे सभी केंद्र की ही परिधि में आते हैं। अत: इस मामले में केंद्र की की जवाबदेही अधिक बनती है। साथ ही सरकार ने वैक्सीनेशन का भी व्यावसायीकरण कर दिया है। निजी अस्पतालों में टीके उपलब्धता हैं, शिविरों में भी उपलब्धता है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में टीके नहीं मिल रहे। इससे व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है। दूर-दूर से लोग टीकाकरण के लिए आते हैं। इंतजार करते हैं और बैरंग लौटा दिए जाते हैं। बड़ी संख्या में लोगों के दूसरी डोज समय पर नहीं लग पा रही।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
……………………..
केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण सेंटर पर बढ़ रही भीड़ एवं भगदड़ की जिम्मेदार केंद्र सरकार है। दिसंबर 2021 तक संपूर्ण भारत का टीकाकरण करने का लक्ष्य तो रखा गया, परंतु इसके लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए और न ही सुचारु योजना बनाई गई। समय रहते वैक्सीन उत्पादन के लिए आर्डर नहीं दिया गया। देश में आपूर्ति सुनिश्चित किए बगैर वैक्सीन डोज का निर्यात किया गया।
-संदीप सोनकर, इटारसी, मप्र
…………………….
नेतृत्व जिम्मेदार है
कोरोना टीकों की खरीदी और आवंटन का कार्यभार आरम्भ से ही केंद्र सरकार के पास था। पर्याप्त आपूर्ति ना होने पर यह जिम्मेदारी राज्यों को सौंप दी गई। चूँकि अंतरराष्ट्रीय टीका निर्माण कंपनियां देश के जिम्मेदार शीर्षस्थ नेतृत्व के साथ ही करार करती हैं। अत: पुन: यह जिम्मेदारी केंद्र सरकार के पाले में आ गई। राज्यों को अपर्याप्त आपूर्ति और राज्यों के टीकाकरण कुप्रबंधन की वजह से लोग घंटों कतार में लगकर भी बिना टीका लगवाए निराश लौट रहे हैं।
-मुकेश भटनागर, भिलाई
…………………………….
टीकों की पर्याप्त आपूर्ति जरूरी
कोरोना टीकों की पर्याप्त आपूर्ति की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है। राज्यों को जनसंख्या के आधार पर टीकों की पर्याप्त आपूर्ति करनी थी। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों को बार-बार आश्वासन दिया। राज्य सरकारें भी केन्द्र सरकार के भरोसे पर रही, परन्तु केन्द्र सरकार सभी राज्यों में समय पर टीकों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं कर पाई। केन्द्र सरकार को सभी राज्यों में समय पर टीकों की पर्याप्त आपूर्ति करनी चाहिए, जिससे कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप लोगों को नहीं देखना पड़े
-विष्णु प्रकाश वैष्णव, मण्डियान, राजसमंद
………………………..

मांग और आपूर्ति में असंतुलन
कोरोना टीकों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। हर राज्य में टीकों की अपर्याप्त आपूर्ति की खबरें हम सबने पढ़ी है। कई केंद्रों पर लोग टीके के लिए घंटों लाइनों में लगे रहे, लेकिन उन्हें टीका लग ही नहीं पाया। इससे साफ जाहिर होता है कि टीकाकरण केंद्रों पर टीके की मांग और आपूर्ति में असंतुलन है। सरकार को चाहिए कि वह हर वैक्सीन सेंटर पर समय-समय पर इसकी खपत की पड़ताल करे और अगर किसी सेंटर पर टीके की बर्बादी हो रही हो या खपत कम हो तो वैक्सीन को अधिक मांग वाले केंद्रों पर भेजा जाए ।
-प्रिया राजावत, जयपुर
…………….
अधिक जनसंख्या बड़ा कारण
देश में कोरोना टीकों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने में सबसे बड़ी समस्या देश की बढ़ती जनसंख्या की समस्या है। इस कारण से देश के 135 करोड़ जनमानस को एक समय सीमा में कोरोना टीकों की पर्याप्त आपूर्ति कराना संभव नहीं था।
-डॉ. अशोक, पटना, बिहार।
……………………
टीकों का असमान वितरण
टीकों के निर्माण के लिए अधोसंरचना की कमी एवं केंद्र-राज्यो के मध्य टीकों का असमान वितरण इस समस्या के लिए जिम्मेदार है। इससे टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है।
-विनायक सेन, राजेन्द्र नगर, रतलाम
……………………..
वैक्सीन की बरबादी
आजकल लोग जागरूक हो गए है। जिन सेंटरों पर कोरोना टीकाकरण होता है, वहीं भीड़ उमड़ पड़ती है। मुश्किल यह है कि वहां वैक्सीन पर्याप्त नहीं होती। कुछ राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी की गई है, जिससे कोरोना टीकों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है।
-विजय गुप्ता अजमेर
………
वैक्सीन उत्पादन में तेजी की जरूरत
अधिक जनसंख्या के भार और टीका उत्पादन केन्द्र की कमी से वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम मंद हो गया हैं। अन्य कारण जैसे वैक्सीन परिवहन की जटिलता, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी, अव्यवस्था जैसी समस्याओं के कारण टीकाकरण अभियान बाधित हो रहा हैं। वैक्सीन निर्माण की तेज गति सें ही यह अभियान आगे सुचारु रूप से बढ़ेगा।
-मनु प्रताप सिंह ,चींचड़ौली,खेतड़ी
…………………………………………..
टीकाकरण में राजनीति
केंद्र व राज्य में अलग-अलग दलों की सरकार होने के कारण कोरोना टीकों की आपूर्ति में सामंजस्य नहीं बैठ पाया। आपसी खींचतान के बीच संतुलन न बैठ पाने के कारण एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए, जिससे कोरोना टीकों की समुचित आपूर्ति में बाधा आई। श्रेय लेने की होड़ में तीव्र गति से टीकाकरण नहीं हो पाया। सरकारों ने इसे राजनीति करने का माध्यम बना लिया।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
………………………………
कुप्रबंधन का नतीजा
केंद्र सरकार के पास कोरोना टीकों की संख्या पर्याप्त है। रणनीति के अभाव के कारण एवं व्यवस्था कुप्रबंधन के कारण सरकार टीकाकरण की रफ्तार बढ़ा नहीं पा रही। एंटीजन टेस्ट में भी सुस्ती देखने को मिल रही है।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
………………………..
जरूरी है टीका लगवाना
कोरोना से बचने के लिए टीका लगवाना जरूरी है। अभी टीके की कमी है। जब टीका आसानी से उपलब्ध था, तब लोग टीका लगवाने से कतरा रहे थे। फिर देश की जनसंख्या भी ज्यादा है, जिससे टीके लगाने में मुश्किल हो रही है।
-कैलाश शर्मा, सीकर
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.