आपकी बात, चीन के मामले में भारत की क्या नीति होनी चाहिए?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

<p>आपकी बात, चीन के मामले में भारत की क्या नीति होनी चाहिए?</p>
चीन की नीयत
चीन की नीयत शुरू से ही ठीक नहीं है। वह हमारे क्षेत्र को हड़पने के लिये तैयार रहता है। समुद्री क्षेत्र में भी वह अपना आधिपत्य स्थापित करने में लगा है। चीन की अर्थव्यवस्था की मजबूती में भी भारत का योगदान है। इसके बावजूद वह हमें ही आंख दिखा रहा है। भारत को अपनी सामरिक और सैन्य शक्ति बढ़ानी होगी। चीन बहुत महत्वाकांक्षी देश हे। सरकार को हर वक्त चौकस व सचेत रहना होगा। साथ ही चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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भारत बने आत्मनिर्भर
चीन की घुसपैठ सीमा के साथ-साथ आर्थिक क्षेत्र में भी है। भारत को इसे रोकने के लिए शक्ति संतुलन के सिद्धांत को अमल में लाना होगा। भारत सैन्य एवं आर्थिक मोर्चे पर आत्मनिर्भर बन कर ही चीन की नाकेबंदी कर सकता हैं। वैश्विक-कूटनीति के माध्यम से क्वाड जैसी संस्थाओं द्वारा उचित प्रतिबंध लगाकर चीन की विस्तारवादी नीति को रोकना होगा। भारत के नागरिकों को भी वृहद स्तर पर चीनी सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए।
– दिनेश चौधरी, सोरडा, सिरोही
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जरूरी है स्पष्ट नीति
एक तरफ बातचीत हो रही है, दूसरी ओर चीनी सैनिक जब चाहे भारतीय सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं। इसलिए चीन के मामले में भारत की एक स्पष्ट नीति होनी चाहिए। भारत सरकार को सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के साथ उसकी हर हरकत पर पैनी नजर रखनी जरूरी है। सामरिक तैयारी के साथ भारत को चीन के साथ स्थाई समाधान की दिशा में एक स्पष्ट नीति बनाकर काम करना चाहिए, क्योंकि पूर्वोत्तर में चीन की लुकाछिपी का खतरनाक खेल लंबे समय से चल रहा है।
सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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बनाना होगा दबाव
हमें अमरीका और अन्य मित्र देशों से संपर्क करके चीन पर दबाव बनाना होगा। सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखनी होगी। चीनी सामान का बहिष्कार करके उसे आर्थिक हानि भी पहुंचानी पड़ेगी। इधर पाक सीमा पर भी चौकसी बनाए रखनी होगी, क्योंकि चीन हमारे दुश्मन पाक को साथ लेकर कोई भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। तालिबान और पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर चीन हमें परेशान कर सकता है।
-दीपा-देवेंद्र, नेनावा, इंदौर
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आर्थिक मजबूती जरूरी
चीन के मामले में भारत को सबसे पहले आर्थिक मोर्चे पर मजबूत होना होगा अर्थात अधिक से अधिक आत्मनिर्भर होना होगा। सीमा विवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के मध्य बातचीत और पुख्ता सहमति बनाने की आवश्यकता है।
-आशुतोष तिवारी ,जबलपुर
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खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाए
चीन को लेकर अब भारत को बहुत सावधान रहना होगा। दुनिया में राजनीतिक ध्रुवीकरण बदले हैं, जिसके कारण चीन बौखला गया है। वह वर्चस्व बनाए रखने के लिए भारत से जंग तक की जोखिम उठा सकता है। अत: भारत को अपने खुफिया तंत्र के साथ-साथ अपनी सामरिक शक्ति को मजबूत करना बेहद जरूरी है। भारत को अपने मित्र राष्ट्रों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखना होगा।
– मदन लाल विश्नोई
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एकजुटता की आवश्यकता
चीन से वार्ता के सभी द्वार खुले रहने चाहिए। चीन की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। चीन अपनी बातों से मुकर जाता है। स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल बढऩा चाहिए। सैन्य ताकत विकसित करते रहना चाहिए। चीन से पीडि़त पूरे विश्व समुदाय को एक मंच पर लाने की कोशिश करनी चाहिए। समय-समय पर तिब्बत, हांगकांग और ताइवान तथा चीन में लोकतंत्र हनन के मामलों में विश्व स्तर पर चीन को घेरने की तैयारी रखनी चाहिए। चीन में मुस्लिम समुदाय पर होने वाले अत्याचारों को भी मुस्लिम देशों व विश्व समुदाय से रूबरू कराते रहना चाहिए। भारत के पक्ष विपक्ष को चीन के मामले में एकजुट रहने की सख्त आवश्यकता है।
-माधव सिंह, श्रीमाधोपुर, सीकर
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चीन को बेनकाब किया जाए
चीन की विस्तारवादी नीति है। भारत को अपनी नीति में परिवर्तन करने की नितांत आवश्यकता है। भारत को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को बेनकाब करना होगा। जब तक चीन संबंधी सीमा विवाद का समाधान नहीं हो जाता तब तक भारत को आर्थिक, व्यापारिक एवं राजनीतिक संबंध चीन से विच्छेद करने होंगे।
-महेश आचार्य, नागौर
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जरूरी है सावधानी
भारत को चीन के साथ सम्बंध बनाते समय पुराने इतिहास से सबक लेना चाहिए। वह भारत का हितैषी नहीं हो सकता हैं। चीन के साथ कोई भी वार्ता करने से पहले सावधान रहना चाहिए क्योंकि उसनेे हमेशा भारत को धोखा दिया है।
-श्रीकृष्ण पचौरी, ग्वालियर, मध्यप्रदेश
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भरोसे लायक नहीं है चीन
चीन हमेशा से ही पीठ में छुरा भोंकने की नीति अपनाता रहा है। उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सीमा पर चीन स्थाई या अस्थाई निर्माण कर रहा है। ऐसा हमें भी करना चाहिए। हम सीमा पर आवागमन की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जितना काम करेंगे, उतनी ही सुरक्षा सुनिश्चित होगी। संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता के लिए भारत निरंतर लगा रहे।
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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