ओपिनियन

आपकी बात, क्या आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपए की जानी चाहिए?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

Jan 19, 2021 / 06:54 pm

Gyan Chand Patni

आपकी बात, क्या आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपए की जानी चाहिए?

अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
इस समय अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को दूर करने के लिए मांग और खपत बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए आम आदमी की जेब में पैसा होना जरूरी है। मध्यम वर्ग खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों को आयकर में राहत मिलने से उनकी जेब में खर्च के लिए पैसा बचेगा, जिससे मांग में वृद्धि होगी। अत: आयकर सीमा पांच लाख रुपए तक करना ही उचित प्रतीत होता है, ताकि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
कमलेश कुमार हिन्दुस्तानी, चौमूं, जयपुर
………………………
आयकर छूट की सीमा बढ़े
बढ़ती महंगाई, रुपए की गिरती कीमत, कोरोना संकट से बढ़ती बेरोजगारी, नौकरी छूटने के कारण देश की अधिसंख्य जनता परेशान है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने कोढ़ में खाज का काम किया है। ऐसे में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए करना देश के विकास को गति देगा। इससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
………………………
ताकि जनता को मिले राहत
आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपए तक की जानी चाहिए। इससे लोगों को बहुत राहत मिलेगी तथा वे अपनी अल्प आय से घर की बमुश्किल से चल रही गृहस्थी को संभाल पाएंगे। इस बची हुई राशि से लोग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं दे पाएंगे।
-डॉ.अशोक, पटना, बिहार
………………………
घर चलाना हुआ मुश्किल
आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपए की जानी चाहिए, क्योंकि महंगाई बहुत ज्यादा है। शिक्षा और चिकित्सा पर एक परिवार का बड़ा बजट खर्च हो रहा है। घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है। बचत तो हो ही नहीं पाती। इसके बावजूद आयकर देने के लिए बाध्य किया जाता है। इससे लोगों को जीना मुश्किल हो गया है। बेहतर यह है कि आयकर की सीमा पांच लाख रुपए कर दी जाए।
-ललिता माहेश्वरी, भिंडर, उदयपुर
……………………
आयकर में छूट की सीमा पांच लाख की जाए
कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप करोड़ों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है या आय कम हुई है। ऐसी विकट परिस्थिति में सरकार द्वारा आयकर का बोझ डालना उचित नहीं है। केंद्र सरकार को आयकर में छूट की सीमा पांच लाख तक बढ़ाकर निम्न मध्यवर्गीय परिवारों को राहत प्रदान करनी चाहिए।
-प्रवीण सैन, जोधपुर
………………………..
घट गई लोगों की आय
कोरोना काल में आम आदमी की आय घट गई है। ऐसे में वेतनभोगी और कम आय वर्ग के लिए कम से कम पांच लाख तक की आय तो बिना किसी शर्त के टैक्स फ्री किया ही जाना चाहिए। इससे लोगों का राहत मिलेगी।
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
…………………..
बढ़ गई महंगाई
महंगाई दर जिस तरह से बढ़ रही है, उसे देखते हुऐ मध्यमवर्ग आयकरदाता दोहरी मार झेल रहा है। इसे देखते हुए आयकर की सीमा पांच लाख रुपए तक बढ़ाना उचित होगा। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
-देवेंद्र शिवगण, कोटा
………………….
जीवनयापन हो गया मुश्किल
कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था को चोपट कर ही दिया है। इससे मध्यम वर्ग का जीवनयापन मुश्किल कर दिया है। अगर सीमा पांच लाख रुपए तक कर दी जाए, तो छोटे उद्यमियो को काफी राहत पहुंचाई जा सकती है।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
……………………………..
मिल सकती है मध्यम वर्ग को राहत
आयकर में छूट की सीमा पांच लाख रुपए होनी चाहिए, जिससे मध्यम वर्ग के परिवार अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवा सकें। वर्तमान में पांच लाख रुपए की वार्षिक आय इतनी नहीं है कि उनसे टैक्स वसूला जाए, क्योंकि महंगाई बहुत ज्यादा है।
-मुकेश जैन चेलावत, पिंडवाड़ा
……………………….

सुधरेगा जीवन स्तर
बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए आयकर छूट की सीमा पांच लाख काफी नहीं है। इसे आठ लाख रूपए करना चाहिए, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी। इससे भारत के लोगों का जीवन स्तर भी सुधरेगा।
-सरिता डिम्पल, जयपुर
…………………..

वेतनभोगी कार्मिकों को राहत देना आवश्यक
वर्तमान में आयकर की छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख करने की चर्चा जोरों पर चल रही है। यह छूट की सीमा भी मुझे ऊंट के मुंह में जीरा ही लगती है। आज रुपए की क्रय शक्ति बहुत कम रह गई है। अत: सरकार को वेतनभोगी कार्मिकों के लिए आयकर छूट सीमा में बड़ी राहत देनी चाहिए। देश के विकास के लिए धनाढ्य लोगों एवं बड़ी-बड़ी कम्पनियों पर ज्यादा कर लगाकर इसकी पूर्ति करने का प्रयास करना चाहिए।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरू

Home / Prime / Opinion / आपकी बात, क्या आयकर छूट की सीमा पांच लाख रुपए की जानी चाहिए?

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.