आत्म-दर्शन : बनाए रखें भाईचारा

कोविड-19 महामारी ने हमें वास्तविकता से परिचित कराया है। इस वास्तविकता का ध्यान रखते हुए कल का निर्माण करना आवश्यक है।

<p>पोप फ्रांसिस, ईसाई धर्म गुरु</p>

पोप फ्रांसिस, ईसाई धर्म गुरु

नि:सन्देह कोविड- 19 महामारी के कारण यह समय हम सब के लिए कठिन और संकटपूर्ण है। याद रखें कि हमारे पास ईश्वर की प्रतिज्ञा है और यह कि ईश्वर सत्यप्रतिज्ञ हैं। कोविड-19 महामारी ने हमें वास्तविकता से परिचित कराया है। इस वास्तविकता का ध्यान रखते हुए कल का निर्माण करना आवश्यक है। इसके लिए साहस, शक्ति, संकल्प एवं समर्पण की जरूरत है। कोरोना काल के दौरान उदारता एवं प्रेम के जिस माहौल को हमने देखा है, उसने निश्चित रूप से हमारे अन्त:करण तथा समाज पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ दी है।

इस दौर ने हमें सिखाया है कि भाईचारे को पोषित करने के लिए कितने संयम और त्याग की आवश्यकता होती है। किसी भी संकट से बाहर निकलने के बाद ही लोगों की सही पहचान हमें मिलती है, क्योंकि संकट मानव हृदय को खोल कर रख देता है। वह मनुष्य के आभ्यन्तर में व्याप्त एकात्मता, दया और हृदय की विशालता को उजागर कर देता है। अस्तु, महामारी के संकट के बावजूद हम भ्रातृत्व, मैत्री और आतिथ्य भाव में जीने का प्रयास करें। साथ ही मानव के सम्मान के प्रति चेतना जागृत करने के प्रयास लगातार करते रहें।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.