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ये भी जानें : पुतिन विरोधी नवलनी को ईयू सम्मान मिलने के मायने

– 2011में नवलनी ने भ्रष्टाचार रोधी एनजीओ एफबीके की स्थापना की। इस एनजीओ के यूट्यूब पर करीब 6० लाख सब्सक्राइबर हैं ।- 50 हजार यूरो की राशि देती है यूरोपीय संसद सखारोव सम्मान के लिए। यह मानवाधिकार कार्य के लिए यूरोपीय संघ द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

नई दिल्लीOct 25, 2021 / 08:26 am

विकास गुप्ता

Alexey Navalny

वकील से एक्टिविस्ट बने एलेक्सेई नवलनी 2008 में चर्चा में आए, जब उन्होंने एक ब्लॉग के जरिए रूस की राजनीति में भ्रष्टाचार को उजागर करना शुरू किया। 2018 में उन्हें पुतिन के विरोध में चुनाव लडऩे से रोक दिया गया। फरवरी 2021 से जेल में बंद राजनीतिक कैदी एलेक्सेई नवलनी को यूरोपीय संसद के शीर्ष सम्मान सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। एलेक्सी नवलनी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का धुर आलोचक माना जाता है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। 2०20 में उन्हें जहर दिया गया, लेकिन वे बच गए। आरोप है कि सरकारी अधिकारियों ने ऐसा किया, जबकि वे इसे नकारते आए हैं। नवलनी ने 2011 में भ्रष्टाचार रोधी एनजीओ एफबीके की स्थापना की। सरकारी भ्रष्टाचार के सफाए के लिए कार्यरत इस एनजीओ के यूटृयूब पर 6० लाख सब्सक्राइबर हैं। चैनल पर पुतिन केन्द्रित दो वृत्तचित्र चर्चा में रहे। एक ‘ही इज नॉट डीमन टु यू’ और दूसरा, ‘पुतिन्स पैलेस’।

क्योंकि : जानना जरूरी है…
नवलनी को जहर-
रूसी अधिकारियों ने नवलनी को इस साल जनवरी में जर्मनी से लौटने पर मास्को एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उन्हें अगस्त 2020 में जहर दिया गया था। अगस्त 2020 में वे बीमार पड़ गए थे। बहुत मुश्किल से उनकी जान बच पाई। अमरीका और यूरोपीय देश तब से उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं। उनका प्लेन लैंड करने के बाद ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया। गौरतलब है कि जांच में पाया गया था कि नवलनी को सोवियत कालीन मस्तिष्क तंत्रिका संबंधी रासायनिक एजेंट नोविचॉक दिया गया था। माना जाता है कि यही जहर यूके में 2018 में रूसी जासूस सर्जेई स्क्रिपल और उसकी बेटी को मारने के लिए दिया गया था। रूस में नवलनी को विपक्ष का चेहरा माना जाता है।

सखारोव सम्मान क्या है?
सखारोव सम्मान मानवाधिकार कार्य के लिए यूरोपीय यूनियन द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। पहला सखारोव सम्मान दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला और सोवियत असंतुष्ट लेखक अनातोली टी. मार्खेन्को को 1988 में दिया गया। मंडेला ने जेल में 27 और मार्खेन्को ने 20 साल गुजारे थे। यह पुरस्कार खास तौर पर राजनीतिक लेखकों, पत्रकारों, वकीलों, लेखकों, आतंकरोधी गुटों और सिद्धांतों की खातिर सजा काट रहे कैदियों को दिया जाता है। ईरानी फिल्म निर्माता जफर पनाही, मलाला यूसुफजई, डेमोक्रेटिक अपोजिशन ऑफ वेनेजुएला और चीन के उईगर मुसलमानों के वकील इल्हम तोहती को यह पुरस्कार मिल चुका है।

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