समूचे विश्व के लिए महत्त्वपूर्ण है भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी

– स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग अमरीका और भारत के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का मात्र एक पहलू है। दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग, व्यापार व निवेश से लेकर विज्ञान व शिक्षा तथा रक्षा एवं आतंकवाद प्रतिरोध तक विस्तृत है।- भारत, अमरीका का प्रमुख साझेदार है, और यह साझेदारी जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड के जरिए भी काम कर रही है।

माइकल रोसेंथाल, (निदेशक, उत्तर भारत कार्यालय (एनआइओ), अमरीकी दूतावास)

कोविड-19 महामारी विश्व समुदाय के समक्ष सबसे बड़ी जन स्वास्थ्य चुनौती है। पीढिय़ों बाद विश्व को ऐसे स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया भर में हर इंसान इससे प्रभावित हुआ है। इस संकट के दौरान अमरीका, भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है, यही रणनीतिक साझेदारों को करना भी चाहिए।

अप्रेल और मई माह में अमरीकी सरकार ने सात विमानों से मेडिकल ऑक्सीजन, संबंधित उपकरण, दवाएं, व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) और त्वरित जांच किट की आपूर्ति की। साथ ही अमरीका ने अत्यावश्यक वैक्सीन निर्माण सामग्री का अपना एक ऑर्डर भी भारत को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 2 करोड़ अतिरिक्त डोज बनाने में मदद करने के लिए रीडायरेक्ट किया। अमरीकी सरकार से भारत को कुल 10 करोड़ डॉलर से अधिक की सहायता मिली। इसी दौरान, अमरीकी नागरिकों, राज्य व स्थानीय सरकारों, गैर लाभकारी संगठनों और कम्पनियों ने भी आगे बढ़ कर भारत के लिए करीब 40 करोड़ डॉलर की महत्त्वपूर्ण सहायता सामग्री खरीदी और भेजी। इसमें 25 लाख मास्क, दस लाख जांच किट, 1500 ऑक्सीजन सिलिंडर, रेमडेसिविर व अन्य सहायता सामग्री शामिल रही। कुल मिलाकर अमरीकी नागरिकों और सरकार ने भारत को 50 करोड़ डॉलर से अधिक की कोविड-19 राहत सामग्री मुहैया कराई है। विभिन्न अमरीकियों और अमरीकी संस्थानों ने जिस प्रकार भारत की सहायता की है, वह अमरीकियों के मन में भारत के प्रति गहरी सद्भावना दर्शाता है। साथ ही यह दोनों देशों की जनता, सरकारों, कम्पनियों और गैर लाभकारी संगठनों के बीच सुदृढ़ संबंधों को रेखांकित करता है। निस्संदेह, भारतीय-अमरीकी प्रवासियों ने महामारी से पहले भी सम्पूर्ण हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में संबंधों को प्रगाढ़ करने में महती भूमिका निभाई और अब कोविड-19 के दौरान राहत और मदद को गति देने में भी।

अमरीकी दूतावास के उत्तर भारत कार्यालय (एनआइओ) का निदेशक होने के नाते मुझे गर्व है कि अमरीका से बहुत-सी जीवन रक्षक सामग्री की आपूर्ति राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य राज्यों तक पहुंचाई गई है। उत्तर भारत के छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के साथ अमरीका के संबंध सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से 2015 में हमारा यह ऑफिस अस्तित्व में आया था। राजस्थान और उत्तर भरत के अन्य राज्यों के लिए अमरीकी सरकार की सहायता में एक ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट, ऑक्सीजन सिलिंडर, रेमडेसिविर, ऑक्सीमीटर और एन-95 मास्क शामिल रहे। अमरीकी कम्पनियों और संगठनों से भी राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में कोविड-19 सामग्री की आपूर्ति हुई है, और राजस्थानी-अमरीकी समुदाय से, जैसे जयपुर फुट यूएसए संगठन व प्रवासी समूह के अन्य भागीदारों ने कोविड-19 राहत के लिए उदारतापूर्वक सहायता की। इन प्रयासों से भारत सरकार, राजस्थान जैसे राज्यों, स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों और कई साहसी लोगों के अहम कार्यों को मदद मिली है। मुझे विश्वास है, हम साथ मिलकर बदलाव लाने में कामयाब हो रहे हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में अमरीका-भारत सहयोग कोई नई बात नहीं है। सच्चाई यह है कि हमारी सरकारें, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और कम्पनियां कई सालों से एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं और वैश्विक स्वास्थ्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्व को रोटावायरस से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन विकसित करना अमरीकी और भारतीय विशेषज्ञों के संयुक्त प्रयास का ही एक उदाहरण है।

पिछले बीस सालों में अमरीकी सरकार ने भारत की स्वास्थ्य सेवा संबंधी सहायता में 1.4 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। हमें गर्व है कि कोविड-19 से हमारी साझा जंग में हमारी मदद भारत के करीब एक करोड़ १० लाख निवासियों तक पहुंची है। भारत की 1200 से अधिक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के साथ हमारी साझेदारी के चलते 2,14,000 फ्रंटलाइन कर्मचारी सुरक्षित एवं अनवरत रूप से मरीजों की सेवा करने में सक्षम हुए हैं। हमने 15 राज्यों में चिकित्सा सुविधाओं के लिए 200 से ज्यादा अत्याधुनिक वेंटिलेटर भी मुहैया कराए हैं।

इस वैश्विक संकट के वैश्विक समाधान की जरूरत है। भारत व अमरीका इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। विश्व के दो बड़े लोकतांत्रिक देश और कई प्रतिभाशाली लोगों की धरती होने के नाते हमारे वैज्ञानिकों, संस्थानों और निजी क्षेत्रों ने महामारी को हराने के लिए जरूरी जांच, इलाज और वैक्सीन के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। अमरीकी सरकार का उद्देश्य है कि विश्व भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित व प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए। भारत हमारा प्रमुख साझेदार है, और यह साझेदारी जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड प्रारूप के जरिए भी काम कर रही है।

अमरीका और भारत, राष्ट्रपति जो बाइडन व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे इस महामारी संकट को समाप्त करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। कोविड-19 महामारी से निजात पाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग हमारे देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का मात्र एक पहलू है। अमरीका-भारत आपसी सहयोग, व्यापार व निवेश से लेकर विज्ञान व शिक्षा तथा रक्षा एवं आतंकवाद प्रतिरोध तक विस्तृत है। अहम बात यह है कि यह साझेदारी हमारे लोगों द्ग जिनमें राजस्थान और उत्तर भारत के लोग भी शामिल हैं द्ग के बीच है, जो हमारे घनिष्ठ संबंधों का आधार हैं। मेरा मानना है कि ये संबंध दोनों देशों के लिए और विश्व के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।

(अमरीकी दूतावास का उत्तर भारत कार्यालय (एनआइओ) केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ अमरीकी जुड़ाव का नेतृत्व करता है।)

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