आज की बात, पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

<p>आज की बात, पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है?</p>
नेताओं का दखल न हो
पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाना समय की मांग है, क्योंकि अपराधी बेलगाम होते जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों की कमी और अत्याधुनिक तकनीकी के अभाव के साथ ही राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस का कार्य प्रभावित हो रहा है। पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सर्वप्रथम जनसंख्या के आधार पर पर्याप्त पुलिसकर्मियों की व्यवस्था करना जरूरी है। तत्पश्चात अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों के साथ ही कार्य करने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना जरूरी है। पुलिस के काम में नेताओं का दखल नहीं होना चाहिए।
-रमेश कुमार लखारा, बोरुंदा, जोधपुर
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भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाए
पुलिस की कार्यप्रणाली बेहतर बनाने के लिए कई मोर्चों पर काम करना होगा। अकुशल, लापरवाह अथवा भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए। अपराधियों को सजा दिलाने की कोशिश की जानी चाहिए। यदि कोई अधिकारी ऐसा न करके अपराधियों से सांठगांठ करता है तो उसे अविलम्ब बर्खास्त किया जाए। पुलिसकर्मी पीडि़त के प्रति सहानुभूति रखें। अनुसंधान तथ्यों को देख कर करना चाहिए। इस मामले में किसी के प्रभाव में नहीं आना चाहिए। यदि किसी अनुसंधान अधिकारी द्वारा दोषपूर्ण अनुसंधान किया जाता है और उच्चाधिकारी को इसकी शिकायत की जाती है, तो तत्काल निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यदि शिकायत सच्ची पाई जाती है, तो तत्काल ऐसे अधिकारी को बर्खास्त कर देना चाहिए। पुलिस जांच में राजनीतिक दखल पूर्णरूप से बन्द होना चाहिए। यह आम धारण है कि पुलिस का उद्देश्य पैसा कमाना रह गया है। आम जन को पुलिस पर विश्वास नहीं है। यह छवि बदलना आवश्यक है।
-कैलाश चन्द्र स्वर्णकार, भीलवाड़ा
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पुलिसकर्मियों की समस्याओं पर भी ध्यान दें
भारतीय पुलिस प्रणाली अंग्रेजों के समय बनाई गई थी, जो मौजूदा सामाजिक परिवेश में असंगत है। प्रशिक्षण के दौरान पुलिस प्रशिक्षु को वैज्ञानिक तरीकों से अपराध व अपराधी पर नियंत्रण की शिक्षा दी जाए एवं इस दौरान उन्हें पुलिस थानों से व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए भी जोड़ा जाए। आज के परिदृश्य में पुलिस को संघीय क्षेत्राधिकार में लाने पर भी गहन मंथन होना चाहिए ताकि सत्तारूढ़ राज्य सरकारें अपने राजनीतिक हित व निजी स्वार्थ के लिए पुलिस का दुरूपयोग न कर पाएं। पुलिस कर्मियों को सम्मानित वेतन मिले, 24 घंटे की ड्यूटी से मुक्ति मिले, उनके आवास एवं सुरक्षा की भी उचित व्यवस्था हो।
-भगवान प्रसाद गौड़, उदयपुर
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जरूरी है निगरानी
जब तक पुलिस नेताओं एवं प्रभावशाली नौकरशाहों के हाथ की कठपुतली बनी रहेगी और राजनीतिक पार्टियां उसे अपना हित साधने का एक साधन मानकर प्रयोग करती रहेगी तब तक पुलिस की कार्यप्रणाली बेहतर हो ही नहीं सकती। अंग्रेजों ने इसकी स्थापना अपने स्वार्थ के लिए की थी और अफसोस की बात यह है कि आज भी सरकारें इसका इस्तेमाल इसी तरह कर रही हैं। इसे बेहतर बनाने के लिए यह आवश्यक है कि इसके काम में राजनीतिक हस्तक्षेप न हो। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए। पुलिसकर्मियों के कामकाज पर निगरानी की जरूरत है। इसके लिए एक सुदृढ़, प्रभावी व निष्पक्ष व्यवस्था की जाए, जिससे कोई भी इसका दुरूपयोग न कर सके।
-श्याम सुन्दर कुमावत, किशनगढ़, अजमेर
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पुलिस और जनता के बीच विश्वास जरूरी
प्रभावशाली पुलिस व्यवस्था के लिए पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सहयोग का होना महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में सर्वप्रथम पुलिस कर्मचारियों को संवाद, परामर्श और नेतृत्व के कौशल आदि का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। अपराधियों से सांठगांठ जैसी दुष्प्रवृत्ति के मामले में कठोर कार्रवाई की दरकार है। आपराधिक घटना घटित होने पर अपराध को छुपाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना जरूरी है। अपराध की जांंच ईमानदारी और निष्पक्षता से होना आवश्यक है। साथ ही जांच केे लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पुलिस के कामकाज के लिए नीति निर्धारित करने के साथ-साथ हमें कम्युनिटी पुलिसिंग की तरफ बढऩा होगा एवं आमजन में इतना विश्वास पैदा करना होगा कि वह थाने में जाने से घबराए नहीं।
-रमेश भाखर, फागलवा, सीकर
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ड्यूटी ही नहीं आराम के बारे में भी सोचिए
पुलिस कांस्टेबल की नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता का स्तर बढ़ाना चाहिए। पुलिस के जवानों को भी नई तकनीक का ज्ञान दिया जाए। इसके लिए नियमित वर्कशॉप आयोजित करने चाहिए। पुलिस जवानों की संख्या एवं तनख्वाह कम है, ड्यूटी के घंटे बहुत अधिक हैं। परिणामत: उनमें थकान एवं नैराश्य भाव बना रहता है। यही वजह है कि कई बार पुलिस पर अपराधी भारी पड़ते हैं। पुलिस से अपेक्षा की जाती है कि वह जनता की रक्षा करेगी, लेकिन अपरााधी पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाने लगे हैं।
-डॉ. लोकमणि गुप्ता, कोटा
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रोकना होगा भ्रष्टाचार
जब तक पुलिस विभाग में योग्य लोगों का चयन नहीं होगा, तब तक पुलिस तंत्र में सुधार नहीं हो सकता। यहां भी आरक्षण के चलते हालात बिगड़े हैं। नए कर्मचारी भी पुराने कर्मचारियों को देखकर पैसे पर ही ध्यान देने लगते हैं। पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार रोकना आवश्यक है, ताकि पीडि़तों को न्याय मिल सके।
-समीर कुमार शुक्ला, बिलासपुर
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बदलनी होगी पुलिस की छवि
अपने दम पर पुलिस बेहतर कार्य नहीं कर सकती। पुलिस को जन-सहयोग लेना पड़ेगा। इसलिए पुलिस लोगों के साथ शालीनतापूर्ण व्यवहार करे। आम लोगों में यह भावना घर कर गई है कि पुलिस कर्मचारी गाली-गलौज करते हैं और बेमतलब लोगों की पिटाई करते हैं। उनकी रुचि लोगों को परेशान करने में ही होती है। इसलिए पुलिस कर्मचारियों को अपनी छवि बदलने पर ध्यान देना चाहिए और लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
-नरेश कानूनगो, बेंगलुरू
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न हो राजनीतिक दबाव
पुलिस प्रशासन पर सही काम करने का दबाव कम और नेताओं को खुश करने का दबाव ज्यादा हैं। कहीं ना कहीं, पुलिस व्यवस्था राजनीतिक दबाव का सामना कर रही है। सरकार को चाहिए कि पुलिस प्रशासन को राजनीतिक दबाव से अलग कर, स्वतंत्र कार्य करने की छूट दे, ताकि पुलिस बेहतर तरीके से काम कर सके।
-हर्षित जैन, अजमेर
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जनता करे पूरा सहयोग
पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए जनता का सहयोग लिया जाना चाहिए।जनता की जिम्मेदारी है कि वह पुलिस को सहयोग दे। जनता को भी जागरूक होना चाहिए और पुलिस भी अपना काम ईमानदारी से करे। जनता और पुलिस मिलकर काम करें, तो अपराध कम हो सकते हैं।
-खीवराज घाँची, नागौर
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राजनीति से काम पर प्रभाव
पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है की पुलिस पर किसी भी प्रकार का कोई राजनीतिक दबाव न डाला जाए। कई बार राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर पाती है। इसके अतिरिक्त आवश्यक है कि जनता कानून का सम्मान करे।
-आयुषी मीणा, प्रतापगढ़
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स्थानांतरण में न हो राजनीतिक दखल
पुलिस प्रशासन में संरचना, प्रक्रिया, व्यवहार के स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए। पुलिस स्थानांतरण व शिकायतों को सुनने के लिए एक स्वायत्त पुलिस आयोग की स्थापना की जाए। पुलिस स्थानांतरण में राजनीतिक हस्तक्षेप समाप्त किया जाए ।
-श्यामलालए साठपुर, धरियावद
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पुलिस और जनता के बीच सहयोग की भावना जरूरी
पुलिस आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और कानून का पालन करवाने का कार्य करती है। भारत में पुलिस की भूमिका सराहनीय है। पुलिस का सीधा संबंध आम जन से होता है। पुलिस और जनता के बीच आपसी सहयोग की भावना को मजबूत करना जरूरी है। इससे पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा। पुलिस के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप हर हाल में रोका जाना चाहिए।
-अमित कुमार, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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पुलिसकर्मियों का वेतन बढ़ाया जाए
पुलिसकर्मियों का वेतन उनके काम के हिसाब से बहुत कम है। उनका वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। कड़ी ड्यूटी और विश्राम न मिलने से बड़ी संख्या में पुलिस के जवान शारीरिक या मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाते हैं। इसलिए उनके अवकाशों में वृद्धि होनी चाहिए और उनको आसानी से अवकाश मिलना चाहिए।
– सुरेंद्र सिंह, जैसलमेर
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बढ़ाना होगा संवाद
वर्तमान पुलिस कार्यप्रणाली में भ्रष्टाचार, संवेदनहीतना व काम में लापरवाही जैसी मुख्य समस्याएं है। इनकी वजह से आम लोगों में पुलिस के प्रति संदेह का भाव रहता है। कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए पुलिस व आमजन के बीच संवाद को बढ़ाना होगा। महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी, ताकि पीडि़त महिलाएं ठीक तरह से अपनी बात कह सकें।
-फरदीन खान, उज्जैन, मध्यप्रदेश
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