ये नए विवाद का आगाज़ तो नहीं!

बीसीसीआई की एडवाइजरी कमेटी ने टीम इंडिया का मुख्य कोच रवि शास्त्री को चुना, यह खबर भले पुरानी लगे, लेकिन इस खबर में जो खबर है उस पर गौर करना जरूरी है। रवि शास्त्री के कोच के रूप में चयन को शायद ही कोई क्रिकेट जानकार अनुचित ठहराएगा।

<p>ravi shastri virat kohli</p>
बीसीसीआई की एडवाइजरी कमेटी ने टीम इंडिया का मुख्य कोच रवि शास्त्री को चुना, यह खबर भले पुरानी लगे, लेकिन इस खबर में जो खबर है उस पर गौर करना जरूरी है। रवि शास्त्री के कोच के रूप में चयन को शायद ही कोई क्रिकेट जानकार अनुचित ठहराएगा। 
यदि सौरव गांगुली से उनका कोई विवाद न होता तो शायद भारतीय क्रिकेट के दो लीजेंड सचिन और सौरव उन पर एकराय ही होते। बहरहाल, कुंबले के आभामंडल के तले देखने वाले उनके चयन पर सवाल उठा सकते हैं। वैसे, वीरेंद्र सहवाग एडवाइजरी कमेटी के सदस्य सौरव की, तो टॉम मूडी लक्ष्मण की पसंद थे। तीसरे सदस्य सचिन शास्त्री के साथ थे।
 ऐसे में कप्तान विराट कोहली की पंसद जानी गई और उन्होंने रवि शास्त्री का नाम सुझाकर कमेटी की समस्या हल कर दी। ऐसा नहीं कि महज विराट से अच्छे संबंधों के चलते शास्त्री का चयन हुआ है, वे टीम डायरेक्टर के रूप में अच्छे परिणाम दे चुके हैं। साथ ही, टीम इंडिया के सितारों से भी उनका तालमेल बेहतर रहा है। जहां तक योग्यता का सवाल है 80 टेस्ट और 150 वनडे खेल चुके शास्त्री की सलाहियत पर कोई सवाल नहीं उठ सकता। 
अलबत्ता, इस खबर में खबर यह है कि उन्होंने मुख्य कोच के रूप में चुने जाते ही गेंदबाजी कोच के रूप में जहीर खान के सलेक्शन पर जिस तरह आपत्ति जताई, वह कहीं आगे जाकर टीम इंडिया में नए विवाद को हवा न दे दे। दरअसल, शास्त्री ने जहीर की जगह भरत अरुण का नाम सुझाया। चौंके थे यह नाम सामने आने पर क्रिकेट प्रेमी। कइयों को तो पुराने रिकॉर्ड खंगालने पड़े यह जानने के लिए कि ये भरत अरुण हैं कौन, जिनको जहीर पर तवज्जो दे रहे हैं शास्त्री। तो, बता दें कि मध्यम तेज गेंदबाज 54 वर्षीय भरत अरुण का टेस्ट और वनडे पदार्पण 1986 की श्रीलंका-भारत सीरीज में हुआ था। दो टेस्ट खेले चार विकेट लिए, फिर कोई टेस्ट नहीं खेल सके। 
वनडे खेले कुल जमा चार और विकेट लिया एक। उधर, जहीर का रिकॉर्ड देखा जाए तो 92 टेस्ट मैच में 311 विकेट उनके नाम हैं, वहीं 200 एक दिवसीय मैचों में उन्होंने 282 बल्लेबाजों को पवैलियन की राह दिखाई। और तो और, हाल ही आईपीएल में दिल्ली डेयर डेविल्स की कप्तानी करते हुए इस 38 साला तेज गेंदबाज ने कई बल्लेबाजों को चौंकाया। जाहिर है, क्रिकेट के लिहाज से भरत अरुण जहीर के समक्ष कहीं नहीं ठहरते। 
फिर, काहे रवि शास्त्री ने अपनी मुख्य कोच की पारी शुरू होने से पहले ही जहीर के नाम पर सवाल खड़ा कर दिया। कहीं ये टीम इंडिया में नए विवाद का आगाज़ तो नहीं। कि दो धु्रव बन जाएं और उसका प्रभाव टीम के प्रदर्शन पर पड़े, जैसा कि विराट-कुंबले विवाद के दौरान देखा गया। क्रिकेट प्रेमी ऐसा कतई नहीं चाहेंगे।
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