आप ठीक हुए हों या नहीं, कोविड लक्षणहीन होते ही कर दिए जाएंगे डिस्चार्ज, सरकार ने बदले नियम

रोगियों की बेतहाशा वृद्धि होने से कॉविड अस्पतालों पर पड़ने वाले भार कम करने के प्रदेश सरकार संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी लाई है। अब ऐसे कोरोना मरीज जिनमें लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं उनको अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकेगा।

नोएडा। करोना संक्रमित रोगियों की संख्या में हो रही बेतहाशा वृद्धि के कारण कॉविड अस्पतालों पर जो अत्यधिक भार पर रहा है, उसको कम करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने एक शासनादेश के माध्यम से कोविड रोगियों के लिए संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी लागू की है। जिसके चलते बेड की कमी के कारण परेशानी झेल रहे मरीजों को सुविधा हो सकेगी। दरअसल, प्रदेश सरकार के अब तक की डिस्चार्ज पॉलिसी के अनुसार किसी भी भर्ती मरीज को भर्ती होने के न्यूनतम 7 दिवस अथवा जांच की तिथि से न्यूनतम 10 दिवस तक अस्पताल में रहना अनिवार्य था। लेकिन प्रदेश सरकार ने इस डिस्चार्ज पॉलिसी को बदल दिया है। अब ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं, उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकेगा।
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नई डिस्चार्ज पॉलिसी के अनुसार जिले के सीएमओ यह सुनिश्चित करेंगे कि होम आइसोलेशन के प्रत्येक रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और होम आइसोलेशन की हेतु घर की परिस्थितियां सही है और रेपिड रिस्पांस टीम के द्वारा विजिट कर रोगी के पात्रता की जांच कर ली गई है। केवल ऐसे ही व्यक्तियों को होम आइसोलेशन की परमिशन दी जाएगी, जो लक्षणहीन हों और जिन को बहुत हल्के लक्षण हों और साथ में उनके घर में अलग कमरे और शौचालय की व्यवस्था रोगी के लिए हो। इस पॉलिसी के अनुसार यदि इसी परिवार में एक साथ अनेक रोगी कोविड-19 संक्रमित होते है तो ऐसे परिवार में सभी कोविड रोगी एक कक्ष में रह सकते हैं और एक ही शौचालय का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन कोविड रोग से ग्रसित ना होने वाले व्यक्तियों के लिए अलग से कमरे और शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा जिले में होम आइसोलेशन आरंभ होने की डेट से 10 दिन तक प्रतिदिन आइसोलेट रोगियों को इंटीग्रेटेड कोविड-19 एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से फोन पर रोगियों के किसी लक्षण के विकसित होने के विषय में जानकारी प्राप्त करने हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।
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डिस्चार्ज पॉलिसी के अनुसार 100 से कम केस वाले जनपदों में होम आइसोलेशन के तीसरे और सातवें दिन रोगी की स्थिति का आकलन करने के लिए टीम विजिट करेगी, जबकि 100 से 200 में केस वाले जिलों के लिए आइसोलेशन के लिए तीसरे दिन रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति के आकलन हेतु टीम विजिट करेगी, जबकि 200 से अधिक नए केस वाले जनपदों में आइसोलेशन आरंभ होने की तिथि से 10 दिन तक प्रतिदिन आइसोलेट मरीज को इंटीग्रेटेड कोविड-19 एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से फोन कर रोगियों पर किसी भी रक्षण के विकसित होने के विषय में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
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