यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा यानि आईएएस रैंक पाने वाले अभ्यर्थियों को देश की नौकरशाही व्यवस्था में काम करने का मौका मिलता है। यूपीएससी पास करने वाले अभ्यर्थी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे 25 से अधिक वर्ग में सेवा दे सकते हैं। इनमें सबसे टॉप जॉब आईएएस है। आईएएस रैंक वाले अभ्यर्थी ही प्रशासनिक व्यवस्था संभालते हैं, जो डीएम से लेकर कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) तक पदोन्नत हो सकते हैं। आईएएस अधिकारी का सबसे बड़ा पद कैबिनेट सचिव का होता है।
यह भी पढ़ें- यूपी सरकार ने किए दो आइपीएस के तबादले व 20 पीपीएस को दी तरक्की के साथ नई तैनाती आईएएस की सैलरी भारत की नौकरशाही व्यवस्था का हिस्सा बनने वाले आईएएस का सैलरी पैकेज भी पद की तरह आकर्षक होता है। इसके साथ ही उन्हें कई अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं भी दी जाती हैं। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के अनुसार, आईएएस अफसर का मूल वेतन 56,100 रुपये और कई अन्य भत्ते भी मिलते हैं। इस तरह आईएएस अधिकारी का कुल वेतन एक लाख रुपये से भी ज्यादा होता है। जबकि आईएएस की टॉप रैंक यानी कैबिनेट सचिव सैलरी ढाई लाख रुपये तक पहुंच जाती है, जो आईएस वर्ग में सर्वाधिक है।
ये सुविधाएं भी मिलती हैं आईएएस अफसर (IAS Officer) को बहुत सारी सुविधाएं दी जाती हैं, जिसमें महंगाई, यात्रा और घर का किराया भत्ता शामिल हैं। आईएएस के विभिन्न पे-बैंड होते हैं, जैसे जूनियर, सीनियर और सुपर टॉप। इन्ही पे-बैंड के आधार पर घर, खाना बनाने के लिए रसोइयां और सहायक अन्य स्टाफ मुहैया कराया जाता है। आईएएस के आवागमन के लिए गाड़ी के साथ चालक की सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा पोस्टिंग के दौरान अन्य स्थानों पर भेजे जाने पर सरकारी आवास भी मिलता है।