20 हजार फ्लैट बायर्स को मिली बड़ी राहत, जेपी के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करेगी सुरक्षा कंपनी

देशभर के 20 हजार फ्लैट बायर्स में फिर जगी उम्मीद, स्टेक होल्डर्स ने कर्ज में फंसी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए मुंबई की सुरक्षा कंपनी को मंजूरी दी।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नोएडा. जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech) के 20 हजार फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) को बड़ी राहत मिली है। बायर्स और वित्तीय ऋणदाताओं ने कर्ज में फंसी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए मुंबई की सुरक्षा कंपनी (Security Company) को मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि पूरे दस दिन चली वोटिंग प्रक्रिया के तहत मुंबई की सुरक्षा कंपनी को चुना गया है। अब यह तय हो गया है कि जेपी के अधूरे प्रोजेक्ट को मुंबई की सुरक्षा कंपनी पूरा करेगी। माना जा रहा है कि अब दिल्ली एनसीआर समेत देशभर के लोगों का आशियाने का सपना पूरा हो सकेगा, क्योंकि एनसीआर के साथ ही अन्य कई राज्यों के निवेशकों ने इसमें निवेश किया था। बता दें कि वोटिंग प्रक्रिया में करीब 2 हजार फ्लैट बायर्स ने हिस्सा नहीं लिया।
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दरअसल, सरकारी क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी (NBCC) अधिग्रहण की दौड़ में शामिल थी, लेकिन वह मात्र 0.12 फीसद वोट से पीछे रह गई। वोटिंग प्रकिया में होम बायर्स के अलावा बैंक, फाइनेंशियल कंपनी ने भी हिस्सा लिया था। प्रक्रिया के तहत सभी स्टेक होल्डर ने दोनों कंपनियों को बराबर वोट डाले। वहीं, स्टेक होल्डर इक्यूमेंट फाइनेंस ने अपने 0.12 फीसदी वोट सुरक्षा कंपनी के पक्ष में डाले। इससे एनबीसीसी पीछे हो गई। जबकि आईसीआईसीआई ने किसी को वोट नहीं किया। इसलिए मुंबई के सुरक्षा समूह ने 98.66 फीसदी और एनबीसीसी ने 98.34 फीसद वोट हासिल किए। बता दें कि जेपी की अधूरी परियोजनाओं के अधिग्रहण को लेकर वोटिंग प्रकिया दस दिन से चल रही थी, जो बुधवार को संपन्न हुई और मुंबई की सुरक्षा कंपनी सर्वाधिक वोट पाने में कामयाब रही। अब सुरक्षा कंपनी जेपी की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने की कितनी जिम्मेदारी मिलेगी इस पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट और एनसीएलटी को करना है।
बता दें कि जेपी इंफ्राटेक की टाउनशिप 1063 एकड़ में फैली हुई है। इस परियोजना के तहत ये फ्लैट 2012 में बनकर तैयार हो जाने थे। नोएडा सेक्टर-128 की परियोजना में फ्लैट बुक करने वाले बायर एसके सूरी का कहना है कि अभी तक करीब 30 फीसदी कार्य पूरा हुआ है। अब वोटिंग प्रक्रिया के बाद रिपोर्ट नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) के पास जाएगी। जहां से मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। इसके बाद तय किया जाएगा कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की अधूरी परियोजनाओं को पूर्ण करने की जिम्मेदार सुरक्षा कंपनी को दी जाए या नहीं। उन्होंने बताया कि 2019 में वोटिंग के दौरान एनबीसीसी सबसे आगे रही थी, लेकिन कुछ कारणों से मामला अटक गया था। इसलिए अभी यह नहीं कह सकते कि सुरक्षा कंपनी को लेकर क्या फैसला होता है।
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