इस संबंध में दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी एक नोटिस में बताया गया है कि दिल्ली सरकार की क्लस्टर योजना के तहत 140 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए प्रस्ताव जारी किया गया है। वहीं, इससे पहले इस महीने की शुरुआत में विभाग द्वारा क्लस्टर योजना के तहत 190 लो फ्लोर, वातानुकूलित बसों के लिए भी टेंडर निकाले गए थे।
आधिकारिक दस्तावेज में बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के संभावित रूप से आसपास के कुछ क्षेत्रों के लिए सार्वजनिक परिवहन का एक पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक रूप से स्थायी नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। इसका कारण मुसाफिरों को सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस संबंध में परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्लस्टर योजना के तहत अब तक 3,000 से अधिक सीएनजी बसों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही अब ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों को लाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, ताकि वाहनों के प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सके।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) शहर में करीब 3,600 लो फ्लोर बसें चलाता है। इसके साथ में, डीटीसी और क्लस्टर योजना में राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक परिवहन बस बेड़ा शामिल है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर निविदाएं सही से पूरी हो जाती हैं तो नई बसें जीपीएस, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे जैसी नवीनतम सुविधाओं से भी लैस होंगी। इन बसों के 2022 के मध्य तक शहर की सड़कों पर शुरू होने की उम्मीद है।
एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में लोगों की सार्वजनिक परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिए कम से कम 11,000 बसों की जरूरत है। दिल्ली सरकार और बसें जोड़ने के प्रयास कर रही है। डीटीसी ने भी हाल ही में 300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किए थे, जिनके इस साल नवंबर से शुरू होने की उम्मीद है।