हालांकि जब आधी रात को सब सो रहे थे तब महिलाओं को दिल्ली की सड़कों पर उतरते देख कुछ लोगों को हैरान कर रहा था। बता दें कि यह दौड राजीव चौक मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-6 से शुरू होकर इनर सर्किल के दो चक्कर लगाए गए। देर रात करीब 12.30 बजे तक दौड़ चली। आपको बता दें कि यूनाइटेड सिस्टर फाउंडेशन और नई दिल्ली जिला पुलिस की ओर से ‘द फियरलैस रन’ नामक एक दौड़ का आयोजन रविवार की आधी रात को किया गया। इस दौड़ में सैंकड़ों महिलाओं ने भाग लिया और बिना डरे फर्राटे दार दौड़ लगाई। इस दौड़ में संयुक्त आयुक्त अजय चौधरी के अलावा एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल समेत कई अन्य विशिष्ट हस्तियां भी मौजूद रहे। यह दौड़ करीब पांच किलोमीटर तक लगाई गई। इस दौड़ का नाम पिंकाथन ‘द फियरलैस रन’ दिया गया जिसमें लगभग 200 महिलाओं ने भयमुक्त होकर भाग लिया। दौड़ के आयोजकों का कहना था कि इस तरह के कार्यक्रम से महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनके अंदर से असुरक्षा की भावना समाप्त होगी। इधर संयुक्त आयुक्त अजय चौधरी ने कहा कि हमलोगों को अपनी मानसिकता बदलनी पड़ेगी। महिलाओं के प्रति जो नजरिया है उसमें अब बदलाव करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज देश की राजधानी में यह स्थिति हो गई है कि महिलाओं, लड़कियों को आधी रात घर से अकेले निकलने के लिए सोचना पड़ता है और इसके लिए हम सब कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं। हमें यह नजरिया बदलना पड़ेगा कि लड़कियां क्या पहनती हैं, क्या खाती हैं, कब और कहां जाती हैं आदि। बता दें कि इस पिंकाथन में कई बड़ी हस्तियों ने भी हिस्सा लिया जिसमें दिल्ली पुलिस की महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं।
हालांकि जब आधी रात को सब सो रहे थे तब महिलाओं को दिल्ली की सड़कों पर उतरते देख कुछ लोगों को हैरान कर रहा था। बता दें कि यह दौड राजीव चौक मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-6 से शुरू होकर इनर सर्किल के दो चक्कर लगाए गए। देर रात करीब 12.30 बजे तक दौड़ चली। आपको बता दें कि यूनाइटेड सिस्टर फाउंडेशन और नई दिल्ली जिला पुलिस की ओर से ‘द फियरलैस रन’ नामक एक दौड़ का आयोजन रविवार की आधी रात को किया गया। इस दौड़ में सैंकड़ों महिलाओं ने भाग लिया और बिना डरे फर्राटे दार दौड़ लगाई। इस दौड़ में संयुक्त आयुक्त अजय चौधरी के अलावा एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल समेत कई अन्य विशिष्ट हस्तियां भी मौजूद रहे। यह दौड़ करीब पांच किलोमीटर तक लगाई गई। इस दौड़ का नाम पिंकाथन ‘द फियरलैस रन’ दिया गया जिसमें लगभग 200 महिलाओं ने भयमुक्त होकर भाग लिया। दौड़ के आयोजकों का कहना था कि इस तरह के कार्यक्रम से महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनके अंदर से असुरक्षा की भावना समाप्त होगी। इधर संयुक्त आयुक्त अजय चौधरी ने कहा कि हमलोगों को अपनी मानसिकता बदलनी पड़ेगी। महिलाओं के प्रति जो नजरिया है उसमें अब बदलाव करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज देश की राजधानी में यह स्थिति हो गई है कि महिलाओं, लड़कियों को आधी रात घर से अकेले निकलने के लिए सोचना पड़ता है और इसके लिए हम सब कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं। हमें यह नजरिया बदलना पड़ेगा कि लड़कियां क्या पहनती हैं, क्या खाती हैं, कब और कहां जाती हैं आदि। बता दें कि इस पिंकाथन में कई बड़ी हस्तियों ने भी हिस्सा लिया जिसमें दिल्ली पुलिस की महिला पुलिसकर्मी भी शामिल रहीं।