Coronavirus के खिलाफ लड़ाई में आगे आए भूतपूर्व सैनिक, इस तरह कर रहे मदद

कोरोना योद्धाओं ( Corona warriors ) के लिए सैनिक फॉर डॉक्टर्स मुहिम की शुरुआत कर जुड़े कोरोना से लड़ाई में।
भारत के भूतपूर्व सैनिकों ( ex servicemen ) द्वारा कोविड अस्पतालों ( covid hospital ) को मिलेगी आवागमन की सेवाएं।
पूरी तरह स्वास्थ्यकर्मियों ( healthcare workers ) के लिए समर्पित इस सेवा में सख्ती से दिशानिर्देशों का पालन।

<p>Ex servicemen came forward against COVID 19 Fight </p>
नई दिल्ली। कोरोना वाययस से जहां पूरा देश लड़ रहा है, वहीं इस वायरस को हराने के लिए भारत के भूतपूर्व सैनिकों ( ex servicemen ) ने भी एक पहल ( fight against coronavirus ) की है। कोविड अस्पतालों ( covid hospital ) में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित आवागमन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सैनिक फॉर डॉक्टर्स मुहिम की शुरुआत की गई है।
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सैनिक फॉर डॉक्टर्स पूरी तरह से कोरोना योद्धाओं ( Corona warriors ) यानी COVID-19 स्वास्थ्यकर्मियों के लिए समर्पित सेवा है। बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के सभी स्वास्थ्य-सेवा संस्थान इसके साथ भागीदारी कर सकते हैं। वे भूतपूर्व सैनिकों द्वारा संचालित वाहनों में अपने डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों ( healthcare workers ) को सुरक्षित ढंग से अस्पताल लाने-ले जाने के लिए इस सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आजीवन देश सेवा की शपथ लेने वाले इन सैनिकों का ये जज्बा देखकर लगता है कि कोरोना को एक दिन जरूर हराया जा सकेगा। भूतपूर्व सैनिकों द्वारा प्रबंधित की जाने वाली मदरपॉड इनोवेशंस कंपनी पूरी हिफाज़त के साथ सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से परिवहन सेवा उपलब्ध कराता है।
1 लाख सैनिकों का कौशल विकास

महामारी के चलते जहां ज्यादातर कंपनियां छटनी कर रही हैं और आधी सैलरी दे रही हैं, वहीं मदरपॉड पूर्व सैनिकों को नए सिरे से कौशल तो प्रदान करेगा ही इसके साथ ही पुनः रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। हाल ही में मदरपॉड ने विभिन्न रक्षा संगठनों के साथ भागीदारी की है। कंपनी ने अगले 3 सालों के दौरान 1 लाख भूतपूर्व सैनिकों को नए सिरे से कुशल बनाने और रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
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सैनिक नियंत्रण कक्ष

मदरपॉड के पास एक अत्याधुनिक सैनिक नियंत्रण कक्ष है जिसमें सैनिकों द्वारा प्रबंधित हेल्पलाइन नंबर का संचालन किया जाता है। पूरे भारत में रणनीतिक रूप से स्थापित किए गए कमांड सेंटरों के जरिए फील्ड में शामिल सभी वाहनों की निगरानी भी की जाती है।
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सख्ती के साथ सुरक्षा

मदरपॉड की अच्छाई यह है कि महामारी के वक्त में यह सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करेगा। जैसे एक बार की यात्रा में वाहन में अधिकतम दो यात्रियों को ही बैठने की अनुमति है, जिसका सख्ती से पालन किया जा रहा है।
हर एक वाहन में उच्चतम गुणवत्ता वाले एक्रेलिक पार्टिशन को इंस्टॉल किया गया है, जो पूरी तरह सुरक्षित है। इसके अलावा यात्रा की शुरुआत से पहले हर यात्री को एक बार इस्तेमाल किए जाने योग्य पीपीई किट दिया जाएगा, जिसमें ग्लव्स-सैनिटाइजर-मास्क शामिल होंगे। हर बार यात्रा के बाद वाहन के भीतरी हिस्से को पूरी तरह से सैनिटाइज भी जाएगा।
भूतपूर्व सैनिकों का कौशल विकास

मदरपॉड के प्रमुख कैप्टन संजय कुमार सिंह ने कहा कि विभिन्न प्रकार के मोबिलिटी सॉल्यूशंस उपलब्ध ही इसका उद्देश्य है। सैनिक फॉर डॉक्टर्स नाम की अपनी इस मुहिम की शुरुआत से सभी बेहद खुश है। समय के साथ मदरपॉड अपने साथ और अधिक संख्या में सैनिकों को जोड़ेगा। साथ ही बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त सैनिकों को अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराएगा।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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