भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे पर लोकसभा सांसद (Loksabha MP) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार (Central Government) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार को संसद में किसी भी तरह की जानकारी नहीं छिपानी चाहिए।
बता दें कि संसद के मानसून सत्र में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद मुद्दे पर लगातार बहस जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में सरकार का पक्ष रख चुके हैं। हालांकि, विपक्ष ने प्रतिबद्धता जताई है कि वह इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ा है, लेकिन कई सवाल अब भी ऐसे हैं, विपक्ष जिनके जवाब सरकार से मांग रहा है। विपक्ष के कुछ नेताओं का आरोप
है कि सरकार अभी भी खुल कर इस मुद्दे पर जानकारी नहीं दे रही है।
है कि सरकार अभी भी खुल कर इस मुद्दे पर जानकारी नहीं दे रही है।
सांसदों के प्रति आपकी जवादेही
इसी क्रम में असदुद्दीन ओवैसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि चीन ने एक हजार वर्ग किलोमीटर अंदर तक भारतीय अधिकार वाली जमीन पर कब्जा कर रखा है। 900 वर्ग किलोमीटर देपसांग में है, मगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने बयान में देपसांग का जिक्र नहीं किया। ओवैसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को कोट करते हुए लिखा, आपके लिए यह आसान नहीं होगा, लेकिन वक्त आ गया है कि आप संसद में जानकारियां छिपाना बंद करें। आपकी सांसदों के प्रति जवाबदेही बनती है।
इसी क्रम में असदुद्दीन ओवैसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि चीन ने एक हजार वर्ग किलोमीटर अंदर तक भारतीय अधिकार वाली जमीन पर कब्जा कर रखा है। 900 वर्ग किलोमीटर देपसांग में है, मगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने बयान में देपसांग का जिक्र नहीं किया। ओवैसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को कोट करते हुए लिखा, आपके लिए यह आसान नहीं होगा, लेकिन वक्त आ गया है कि आप संसद में जानकारियां छिपाना बंद करें। आपकी सांसदों के प्रति जवाबदेही बनती है।
शहीदों के बलिदान का अपमान हुआ
गौरतलब है कि ओवैसी भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमला करते रहे हैं। उन्होंने गत गुरुवार को भी कहा था कि सरकार ने गलवान झड़प का बदला चीन से करीब 5 हजार करोड़ उधार लेकर किया है। ओवैसी ने ट्वीट में कहा, बीते 15 जून को चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए। उनके साथ अन्यायपूर्ण और निर्मम व्यवहार हुआ। चार दिनों बाद यानी 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से 5 हजार 521 करोड़ रुपये उधार लेकर उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। यह हमारे शहीदों के बलिदान का अपमान है।
गौरतलब है कि ओवैसी भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमला करते रहे हैं। उन्होंने गत गुरुवार को भी कहा था कि सरकार ने गलवान झड़प का बदला चीन से करीब 5 हजार करोड़ उधार लेकर किया है। ओवैसी ने ट्वीट में कहा, बीते 15 जून को चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए। उनके साथ अन्यायपूर्ण और निर्मम व्यवहार हुआ। चार दिनों बाद यानी 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से 5 हजार 521 करोड़ रुपये उधार लेकर उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। यह हमारे शहीदों के बलिदान का अपमान है।
अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार कौन?
इसके अलावा, ओवैसी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह के लोकसभा में दिए गए बयान को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर एक घिनौना मजाक बताया था। ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, रक्षा मंत्री का बयान बेहद कमजोर और अधूरा है। अगर अनुमति मिलती तो उनसे पूछता कि रक्षा मंत्री यह क्यों नहीं कहते कि चीन ने हमारी करीब एक हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस जमीन पहले हमारे जवान गश्त करते थे। ओवैसी ने यह भी कहा कि आखिर इस अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार कौन है।
इसके अलावा, ओवैसी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह के लोकसभा में दिए गए बयान को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर एक घिनौना मजाक बताया था। ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, रक्षा मंत्री का बयान बेहद कमजोर और अधूरा है। अगर अनुमति मिलती तो उनसे पूछता कि रक्षा मंत्री यह क्यों नहीं कहते कि चीन ने हमारी करीब एक हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस जमीन पहले हमारे जवान गश्त करते थे। ओवैसी ने यह भी कहा कि आखिर इस अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार कौन है।