मध्यप्रदेश में महिला पुलिस के साथ सामूहिक ज्यादती….

मध्यप्रदेश में एक महिला पुलिस आरक्षक के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है।

<p>मध्यप्रदेश में महिला पुलिस के साथ सामूहिक ज्यादती&#8230;</p>
नीमच. प्रदेश में महिलाओं के साथ बढ़ते अत्यचार ने सारी हदें पार कर दी हैं। यहां सामान्य महिलाएं तो दूर की बात पुलिस ऑफिसर के रूप में तैनात महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के नीमच जिले से सामने आया है। जहां एक महिला आरक्षक के साथ बलात्कार की घटना हुई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि आरोपियों द्वारा इसके बाद भी महिला आरक्षक को डराया धमकाया जा रहा था।

यह है मामला..


नीमच जिले में पदस्थ एक महिला आरक्षक ने शिकायत दर्ज कराई है। जिसके तहत महिला थाना पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी पवन और उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
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5 माह पहले हुई थी सोशल मीडिया पर दोस्ती


थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल ने बताया कि करीब 5 माह पहले महिला आरक्षक की पवन पिता पप्पू लौहार के साथ सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थी, इसके बाद बातचीत आगे बढ़ी, जिसके बाद एक दिन पवन ने आरक्षक को बर्थडे पार्टी में बुलाया, जहां उसके साथ पवन सहित अन्य ने सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने आरक्षक की शिकायत पर पवन सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिए है।
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पवन और उसकी मां गिरफ्तार


पुलिस ने बलात्कार के मामले में पवन लौहार उसकी मां निर्मला पति पप्पू लौहार को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सहयोगी धीरेंद्र लौहार, विजय लौहार निवासी रामपुरा नाका मनासा व एक मंदसौर निवासी अरोपी फरार है।

वीडियो बनाकर एक लाख रुपए की मांग


आरोपियों ने एक वीडियो भी बनाया था, जिसके माध्यम से महिला आरक्षक को डरा धमका कर एक लाख रुपए की मांग की जा रही थी। वहीं इस बात का खुलासा करने पर जान से मारने की धमकी दी जाने लगी थी। इससे प्रताडि़त होकर महिला आरक्षक ने प्रकरण दर्ज करवाया है।
मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बलात्कार


अन्य प्रदेशों की अपेक्षा मध्यप्रदेश में बलात्कार की घटनाएं अधिक होती है, आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां करीब एक साल में करीब 4 हजार 391 से अधिक मामले दर्ज होते हैं। यह आंकड़ा महाराष्ट्र और राजस्थान से भी कम है। पिछले सालों पर नजर डाले तो महाराष्ट्र में 4144 और राजस्थान में 3644 केस हुए थे, वहीं उत्तरप्रदेश चौथे स्थान पर करीब 2934 मामले दर्ज किए गए थे।
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