एसीबी की टीम नीमच अफीम फैक्ट्री में जांच के लिए दूसरे दिन भी डटी रही, खंगाले गए रिकॉर्ड

– अफीम फैक्ट्री महाप्रबंधक शशांक यादव एसीबी के सामने बना रहे झूठी कहानी

<p>एसीबी की टीम नीमच अफीम फैक्ट्री में जांच के लिए दूसरे दिन भी डटी रही, खंगाले गए रिकॉर्ड</p>

नीमच। यूपी गाजीपुर और नीमच अफीम फैक्ट्री के प्रभारी महाप्रबंधक शशांक यादव की कार से १६.३२ लाख रुपए मिठाई के डिब्बों में भरे मिलने के बाद कोटा एसीबी की गिरफ्त में आए महाप्रबंधक रिमांड के दौरान पुलिस को झूठी कहानी सामने बताकर गुमराह कर रहें हैं। जिन्हें एसीबी ने २२ जुलाई तक रिमांड पर पूछताछ पर ले रखा है। इधर केंद्रीय गृह मंत्रालय से महाप्रबंधक शशांक यादव को निलंबित का आदेश जारी हो गया है। फिलहाल गाजीपुर फैक्ट्री के महाप्रबंधक बानए गए डॉ. चितंरजन माझी को ही नीमच का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वही नीमच में भी एंटी करप्शन ब्यूरो कोटा टीम की कार्रवाई लगातार दो दिन से चल रही है । एंटी करप्शन टीम द्वारा अफीम कारखाने में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों से पूछताछ की गई थी, इसके साथ ही रिकॉर्ड भी खंगाले गए जा रहे है। अभी तक की जानकारी में महाप्रबंधक शशांक यादव से जब्त जीप उनके भाई संयज यादव की है। जिस पर यूपी पुलिस लिखा है। संजय यादव यूपी पुलिस में एएसपी पद पर कार्यरत है। वहीं इनके पिता महावीर यादव रिटार्यड आईएएस ऑफिसर हैं। पविार यूपी में प्रयागराज जिले का निवासी है।

कोटा एसीबी टीम की नीमच अफीम फैक्ट्री पर बुधवार को भी सुबह से एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई निरंतर जारी है और अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक शशांक यादव से जुड़ी जानकारियां भी जुटाई जा रही है। तीन दिन पूर्व राजस्थान में मिठाई के डिब्बेे में रिश्वत की रकम करीब १६.३२ लाख के साथ नीमच व गाजीपुर के महाप्रबंधक शशांक यादव को पकड़ा गया था। इसके बाद रिश्वत की पुष्टि होने और पूछताछ में पूरी उगाही की कहानी सामने आने ओर गिफ्तारी के बाद आखिरकार कार्रवाई करते हुए शशांक यादव को निलंबित कर दिया गया। साथ ही आशय की जानकारी भी कारखाने को प्रेषित कर दी गई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) के अधिकारी डॉ. शशांक यादव को भ्रष्टाचार के आरोप 17 जुलाई को पकड़ा गया था। आरोपित की गाड़ी से 16 लाख 32 हजार 410 की नकदी बरामद की गई थी। शशांक यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित अफीम फैक्ट्री में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और उनके पास नीमच (मध्य प्रदेश) फैक्ट्री का भी अतिरिक्त प्रभार था। वहीं अब उनके निलंबन के साथ ही गाजीपुर और नीमच फैक्ट्रीज का भी प्रभार छीन लिया गया है। दूसरी ओर जांच की रिपोर्ट भी केंद्र सरकार को भेज दी गई है। राजस्थान पुलिस के अनुसार डॉ. शशांक यादव के साथ ही नीमच फैक्ट्री के कर्मचारी अजीत सिंह और दीपक यादव काफी समय से दलालों के माध्यम से प्रति किसान हजारों रुपये वसूल रहे थे। रिश्वत के बदले अफीम की अच्छी गुणवत्ता बताकर पट्टा और नवीनीकरण किया जाता था और करोड़ो रुपये तक की वसूली की जानकारी सामने आई है। इसके साथ ही इनकी वसूली राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, कोटा व झालावाड़ के किसानों के साथ भी चलने लगी थी। इस प्रकार इनका अवैध करोबार तीन राज्योंं में फैला हुआ था। बताया जा रहा है कि नीमच में चल रही कार्यवाही में कोटा की कार्यवाही के परिपेक्ष्य मैं सामने आ रहे तथ्यों के हर पहलू से विस्तृत जांच करवाई जा रही है। निष्कर्षों के आधार पर दोषी प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध विधि सम्मत कठोर कार्रवाई होने की पूरी संभावना है। फिलहाल गाजीपुर तथा नीमच फैक्ट्री में मार्फिन परीक्षण की प्रक्रिया को रोका नहीं गया है। एसीबी कोटा राजस्थान के निरीक्षक अजीत बगडोलिया की टीम सहित कार्यवाही को बुधवार दूसरे दिन रहा, बगडोलिया कि टीम हर पहलू की बारीकी से जाच को जा रही है फैक्ट्री में आने जाने वाले हर कर्मचारी अधिकारी से पूछताछ क रही फैक्ट्री में प्रवेश दिया जा रहा है।

निलंबन के हुए आदेश
भ्रष्टाचार के आरोप के चलते महाप्रबंधक शशांक यादव की जांच चल रही है। जिसके तहत कें्रदीय गृहमंत्रालय से निलंबन के आदेश जारी हुए है।
– श्याम मंगल, प्रबंधक अफीम फैक्ट्री नीमच।

झूठी कहानी बना रहे महाप्रबंधक
एसीबी की रिमांड पूछताछ के दौरान अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक शशांक यादव मनगढ़ंत कहानी बना रहे है। उन्हें मिठाई के डिब्बों के अंदर भरे नोट के बारे में कुछ पता नहीं था। एसीबी उनकी मनगढ़ंत कहानी को नकारते हुए कडाई के साथ पूछताछ में जुटी है। जल्द ही पूरे काले मामले का खुलासा होगा।
– चंद्रशील ठाकुर, एएसपी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों कोटा

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