बतादें कि गर्मी क ी शुरूआत के साथ ही जिले में पेयजल संकट गहराने लगा है। वर्तमान में २१.०१ मीटर से अधिक यानि करीब ६५ फीट से अधिक भू-जल स्तर गिर चुका है। भू-जल स्तर में आई गिरावट के कारण जिले में हैंडपंप और नल जल योजना सूखने लगी है। ऐसे में ग्रामीणों को अभी से पेयजल सकंट का सामना करना पड़ रहा है। वहीं शहर के पेयजल का स्रोत जाजू सागर डेम की स्थिति भी दयनीय होने लगी है। १७.१० मीटर नीचे जलस्तर पहुंच गया है। जो कि गत वर्ष की तुलना में करीब ३ मीटर कम है। ठीकरिया बंाध के रिजर्व जल का भी अभी पूरी तरह से गर्मी नहीं आने से पहले आधे का दोहन हो चुका है। ठीकरिया बांध प २ मिलियन क्यूबिक मीटर जल रिजर्व रहता है। अभी से पेयजल का संकट गहराने लगा है। खासकर उदयविहार, आदित्य कॉलोनी, बघाना क्षेत्र, इंदिरा कॉलोनी, जवाहरनगर में सहित कई क्षेत्र में पेयजल संकट शुरू हो गया है। अभी से दो दिन छोड़कर पेयजल की सप्लाई हो रही है। जिससे लोगों को काफी दिक्कत आ रही है।
क्षेत्र———वर्ष २०२१————–वर्ष २०२०
नीमच——–२१.०० मीटर———–६.८ मीटर
जावद——-२१.८८ मीटर———–६.७६ मीटर
मनासा——-२१.४५ मीटर———–१०.५६ मीटर
कुल———२१.०१ मीटर———–८.४ मीटर जाजू सागर डेम के जल स्तर की स्थिति
वर्ष————-जल स्तर
२०२०——–१४.१० मीटर
२०२१——–१७.१० मीटर
इनका यह कहना है
गत वर्ष बारिश भी कम होने से भूजल स्तर में भी गिरावट आई है। जाजू सागर बांध में गत वर्ष १४.१० मीटर इस समय जल स्तर था, जो कि गिर कर १७.१० मीटर हो गया है। वहीं ठीकरिया बांध में भी शहर के लिए २ एमसीएम पानी रिजर्व रहता है। जिसमें आधे का दोहन हो चुका है। अभी की स्थिति के अनुसार गर्मी तक यह स्थिति में पेयजल आपूर्ति दी जाएगी। वहीं पानी का स्तर कम होने से तीन दिन छोड़कर भी आपूर्ति दी जा सकती है। सिचाई विभाग को अवैध दोहन को रोकना चाहिए।
– केके टांक, एई नगरपालिका नीमच।