अफीम फैक्ट्री में कोडिंग अधिकारियों से गहनता से पूछताछ कर रही है एसीबी की टीम

– अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक की कार से मिठाई के डिब्बों में करीब 16.32 लाख रुपए जप्त होने का मामला

<p>अफीम फैक्ट्री में कोडिंग अधिकारियों से गहनता से पूछताछ कर रही है एसीबी की टीम</p>

नीमच। ओपियम फैक्ट्री के महाप्रबंधक शशांक यादव की कार से १६.३२ लाख मिठाई के डिब्बों से जब्त होने के मामले में दो दिन से कोटा एसीबी की टीम ने नीमच अफीम फैक्ट्री पहुंचकर गहनता से जांच की है। कोडिंग अधिकारियों का इस भ्रष्टाचार में बड़ा हाथ है, यह बात रिमांड के दौरान शशांक यादव से सामने आई है। जिसके बाद ही निरीक्षक अजीत बागडोलिया के नेतृत्व में टीम ने नीमच अफीम फॅैक्ट्री आकर गहनता से जांच की और कोडिंग अधिकारी व कर्मचारी सहित कई के बयान भी दर्ज किए है। वहीं कुछ दस्तावेज, सीसीटीवी फुटैज रिकॉर्डिंग भी जब्त कर टीम ने आगे की जांच शुरू की है।

जांच करने आए निरीक्षक अजीत बागडोलिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार ओपियम फैक्ट्री के कोडिंग सेक्शन की भ्रष्टाचार में मुख्य भूमिका रही है। कोडिंग सेक्शन के मुख्य अधिकारी एमके किशोर के हाथ में ही किसानों की अफीम की कोडिंग तय करना रहता था। हालांकि एमके किशोर की पोस्ट केमिकल परीक्षण की है। लेकिन यह खास होने के चलते कोडिंग इंचार्ज बने हुए थे। वहीं उनके सहायक दीपक यादव, ओपियम लैब इंचार्ज परिमल बैनर्जी, प्रयोगशाला में पदस्थ अजीत सिंह, श्याम सिंह तथा पीआर मीणा सहित अन्य से अलग-अलग एसीबी टीम ने चर्चा कर बयान दर्ज किए हैं। वहीं परीक्षण की प्रक्रिया तथा गडबडिय़ों को लेकर गहनता से पूछताछ की है। वहीं लैब में काम कर रहे कर्मचारियों से पूछताछ की गई। एसीबी टीम ने कोडिंग प्रयोगशाला व कोडिंग प्रक्रिया, नियुक्तियों, परीक्षण नतीजों तथा आरोपों से संबंधित एक हजार से अधिका कागजी दस्तावेजों की प्रमाणिक प्रतियां प्राप्त की है। संभावना जताई जा रही है फैक्ट्री से कोडिंग सेक्शन से एसीबी टीम जरूरत पडऩे पर अधिकारी व कर्मचारियों को साथ कोटा ले जाकर पूछताछ करेगी।

विदित है कि गत शनिवार को एंटी करप्शन ब्यूरो राजस्थान की टीम ने ओपियम फैक्ट्री गाजीपुर के महाप्रबंधक अतिरिक्त प्रभार नीमच के भ्रष्ट अधिकारी शशांक यादव को 16 लाख 32 हजार नगदी के साथ गाड़ी से पकड़ा था। जिसके बाद मालवा मेवाड़ के अफीम किसानों से वसूली करने वाले दलालों व मामले से जुड़े अधिकारियों में हडक़ंप मच गया। तो वही सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो का एक जांच दल नीमच की अफीम फैक्ट्री पर पहुँचा ओर 2 दिनों तक जांच की गई जिसमें लाखों रुपए बरामदगी का सोर्स पता किया गया इसके अलावा फैक्ट्री में अफीम प्रक्रिया का भी विश्लेषण जांच दल द्वारा किया गया। तो वही इन सब के बीच एक बड़ी खबर निकल के आई है बताया जा रहा है भ्रष्ट अधिकारीयों से संपर्क रखने वाले किसानों को अफीम पट्टे के नाम पर डरा कर उनसे पैसे वसूलने वाले क्षेत्र के दलाल जीने मुखिया भी कहा जाता है वह अपना मोबाइल बंद कर कर भूमिगत हो गए।

नारकोटिक्स में भी मची खलबली डीएनसी प्रमोद सिंह का वडोदार स्थानांतरण
मध्यप्रदेश के डिप्टी नारकोटिक्स कमिश्रर प्रमोद सिंह का स्थानांतरण नेशनल अकादमी कस्टम एंड इनडायरेक्ट टैक्स बडोदरा में हो गया है। उनके स्थान पर इंदौर में पदस्थ आईआरएस अधिकारी संजय कुमार मध्यप्रदेश के नए डिप्टी नारकोटिक्स कमिश्रर नियुक्त हुए हैं। जो कि डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस इंदौर में पदस्थ थे। वहीं दूसरी और अफीम एवं अल्कॉलॉयड फैक्ट्री के मैनेजर श्यामसुंदर मंगल का भी भोपाल झोन में स्थानांतरण किया गया है। अभी उनके स्थान पर नियुक्ति रिक्त है।

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