पड़ोसी राज्यों के चलते खराब हुई दिल्ली की हवा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि 13 अक्टूबर को पराली जलाने की घटनाएं कम थीं, जिससे AQI का स्तर 171 पर था। वहीं पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के साथ ही दिल्ली की हवा खराब होने लगी है। वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार किसानों के खेतों में बायो डी कंपोजर का छिड़काव कराती है, लेकिन पड़ोसी राज्यों में आज भी वायु प्रदूषण से निपटने की कोई तैयारी नहीं है जिसका खामियाजा राज्यों के साथ दिल्ली को भी भुगतना पड़ता है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि 13 अक्टूबर को पराली जलाने की घटनाएं कम थीं, जिससे AQI का स्तर 171 पर था। वहीं पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के साथ ही दिल्ली की हवा खराब होने लगी है। वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार किसानों के खेतों में बायो डी कंपोजर का छिड़काव कराती है, लेकिन पड़ोसी राज्यों में आज भी वायु प्रदूषण से निपटने की कोई तैयारी नहीं है जिसका खामियाजा राज्यों के साथ दिल्ली को भी भुगतना पड़ता है।
पंजाब सरकार पर उठाए सवाल
इस दौरान उन्होंने केंद्र की एक योजना का जिक्र करते हुए राज्य सरकारों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि केंद्र ने पंजाब को पराली से होने वाले वायु प्रदूषण के समाधान के लिए 250 करोड़ रुपए दिए थे, जिससे करीब 50 लाख एकड़ में बायो डी कंपोजर का छिड़काव किया जा सकता है। इसके बावजूद पंजाब में बड़ी मात्रा में किसान पराली जला रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखती है साथ ही किसानों के इसके नुकसान बताते हुए जागरूक भी करती है।
इस दौरान उन्होंने केंद्र की एक योजना का जिक्र करते हुए राज्य सरकारों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि केंद्र ने पंजाब को पराली से होने वाले वायु प्रदूषण के समाधान के लिए 250 करोड़ रुपए दिए थे, जिससे करीब 50 लाख एकड़ में बायो डी कंपोजर का छिड़काव किया जा सकता है। इसके बावजूद पंजाब में बड़ी मात्रा में किसान पराली जला रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखती है साथ ही किसानों के इसके नुकसान बताते हुए जागरूक भी करती है।
यह भी पढ़ें: यहां कोरोना वैक्सीन लगवाकर जीत सकते हैं टीवी और मोबाइल फोन गौरतलब है कि दिल्ली के आठ इलाके ऐसे हैं, जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है। गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को बेहद खराब श्रेणी में 349 दर्ज किया गया, जो इस सीजन में ये सबसे ज्यादा है। सीपीसीबी के मुताबिक AQI 200 के ऊपर होने पर हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। वहीं हवा को AQI 300 के पार होने पर स्थिति चिंताजनक हो जाती है, इससे लोगों को सांस लेने में समस्या होने लगती है। वहीं बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को खास परेशानी होती है।