पेड़ की छांव में दोस्त संग बात करना पड़ा भारी, मिली मौत

-बरसों बाद मिले फिर सदा के लिए बिछुड़ गए-यादों में खोए थे, अब यादें ही शेष रह गईं

<p>पेड़ की डाल गिरी युवक की मौत</p>
नरसिंहपुर. वृक्ष यूं तो सदा ही इंसान को अपनीं छावों में पनाह देते हैं। लेकिन ये वृक्ष ही जब काल बन जाए तो क्या कहा जाए। अब इन दो दोस्तों को क्या पता था कि जिस पेड़ की छांव में वो अपनी यादों को समेट रहे हैं, इसकी स्मृतियां इतनी भयावह होंगी। पेड़ की एक डाल क्या टूटी दोस्त की सांसें भी टूट गईं। घायल महेंद्र पटेल के लिए यह हादसा जीवन भर के लिए गमों का पहाड़ दे गया। वो जब भी उधर से गुजरेंगे बरबस ही उन्हें साहब सिंह की याद हो आएगी। वो दर्दनाक हादसा आंखों के सामने नाच जाएगा।
घटना ही ऐसी है। बताया जा रहा है कि गोटेगांव के ग्राम हिनौतिया निवासी साहब सिंह (36 वर्ष) पिता कैलाश सिंह भिंडवार गोटेगांव से लगे ग्राम छिंदौरी में रहता था। वह मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा था. बुधवार की सुबह साहब सिंह अपनी स्कूटी से स्टेट हाइवे पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने जा रहा था, कि बरगी कॉलोनी- 2 की सड़क पर फूल तोड़ने के लिए निकला हिनौतिया का ही महेंद्र पटेल मिल गया। महेंद्र भी साहब सिंह के साथ मजदूरी का कार्य करता था। दोनों अच्छे दोस्त थे। दोनों काफी समय बाद मिले थे तो गम-गलफ करने के लिए कोहा के पेड़ के नीचे खड़े हो गए। वो बातों में मशगूल थे तभी उसी कोहा पेड़ की डाल अचानक नीचे गिरी जिसमें साहब सिंह दब गया। हालांकि उसी वक्त एक और डाल महेंद्र पर भी गिरी। लेकिन साहब सिंह पर गिरी डाल मोटी और वजनी रही जिससे वह स्कूटी सहित बुरी तरह दब गया और उसकी मौत हो गई। वहीं महेंद्र पर हल्की डाल गिरी और वह घायल हो गया लेकिन महेंद्र ने खुद को डाल के नीचे से निकाला और पास के स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर इलाज कराया। वह घर तो चला गया पर एक जीवन भर की टीस लिए।
घटना की जानकारी लगते ही मौके पर भीड़ लग गई। लोगों ने एंबुलेंस, डायल 100, पुलिस थाना और नगर पालिका को फोन लगाया। पेड़ की डाल गिरने से बिजली का तार भी टूट कर लटक गया। ऐसे में लोगों ने बिजली विभाग को भी फोन लगाया जो रिसीव नहीं हुआ तो ग्रामीण खुद ही पेड़ को हटाने में जुट गए। आरी से डाल को काटने लगे। इस दौरान बिजली के लटके तार में करंट चालू रहा। काफी देर बाद मौके पर डायल 100 व एंबुलेंस पहुंची। फिर नगर पालिका की टीम भी आ गई। पालिका की टीम ने जेसीबी की मदद से पेड़ को हटाने की कार्रवाई शुरू की। लेकिन बिजली विभाग को लाइन बंद करने में दो घंटे लग गए। उसके बाद टूटे तार को हटाया गया। इसे लेकर लोगों में रोष दिखा। इतना ही नहीं इतनी बड़ी वारदात के बाद की सूचना के बाद भी एसडीएम, तहसीलदार, एसडीओपी का मौके पर न पहुंचना भी गुस्से का कारण बना।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेट हाइवे पर कई पेड़ जोखिम की वजह बने है, आंधी-बारिश के दौरान पेड़ गिरने से हर वर्ष बरसात के सीजन में रास्ता जाम होने की समस्या रहती है लेकिन इन पेड़ों को हटाने कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
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