video-मुस्कुराती देवी की ऐतिहासिक विदाई, बरहटा गांव से लेकर नरसिंहपुर तक हजारों लोग एक झलक पाने उमड़े

नवरात्र के समापन पर देवी की ऐसी विदाई इससे पहले न कभी देखी गई न सुनी गई।

<p>Historical farewell of smiling goddess</p>
नरसिंहपुर. नवरात्र के समापन पर देवी की ऐसी विदाई इससे पहले न कभी देखी गई न सुनी गई। मूर्तिकार पवन प्रजापति द्वारा बनाई गई देवी की अद्भुत और अद्वितीय प्रतिमा को बरमान में विसर्जन के लिए जब बरहटा गांव से रवाना किया गया तो सैकड़ों श्रद्धालुओं का काफिला नरसिंहपुर आते आते हजारों पर पहुंच गया। देवी की एक झलक पाने के लिए बरहटा से लेकर नरसिंहपुर तक हजारों लोग सड़क के दोनों ओर जमा थे। जैसे ही देवी के विसर्जन जुलूस ने शहर के अंदर प्रवेश किया तो हर व्यक्ति उनके मुस्कुराते स्वरूप के दर्शन पाने के लिए व्याकुल था। कहीं लोग अपने घरों की छतों पर इंतजार कर रहे थे तो कहीं अपने घरों के दरवाजे पर, जिनके घर मुख्य मार्ग से दूर थे वे अपने घरों से चलकर मुख्य सड़क पर जमा थे।
सोशल मीडिया पर देवी आगमन के पल पल की जानकारी हो रही थी शेयर
देवी के नरसिंहपुर होकर बरमान में विसर्जन के लिए जाने की जानकारी एक दिन पहले से सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही थी । फेसबुक एकाउंट, वाट्सएप गु्रपों पर लगातार लोगों को यह बताया जा रहा था कि देवी रविवार को नरसिंहपुर शहर से होकर गुजरेंगी। जिससे लोगों में देवी दर्शन के लिए और भी ज्यादा उत्साह पैदा हुआ।
झुकना पड़ा प्रशासन को
प्रशासन ने सुरक्षा व अन्य कारणों से पहले शहर से देवी प्रतिमा को ले जाने की अनुमति नहीं दी थी और बायपास फोरलेन से ले जाने के निर्देश दिए थे पर बाद में श्रद्धालुओं के भक्ति भाव के आगे प्रशासन को अपना यह निर्णय बदलना पड़ा। प्रशासन ने पर्याप्त पुलिस बल का इंतजाम किया और प्रतिमा को शहर से होकर जाने की अनुमित दी।
स्टेशन क्षेत्र से बढ़ता गया काफिला
बरहटा से देवी प्रतिमा के विदाई जुलूस ने दादा महाराज होकर स्टेशन फाटक से होते हुए शहर में प्रवेश किया। यहां से श्रद्धालुओं का काफिला भी बढ़ता गया। कई जगहों पर लोगों ने जुलूस में शामिल लोगों के लिए पानी और फलाहार आदि की भी व्यवस्था की थी। शहर में जगह जगह लोगों ने देवी का पुष्पहारों से स्वागत किया।
देवी ने नेताओं को भी दिया सहारा
अपनी विदाई की वेला में देवी नेताओं को भी संजीवनी दे गईं, कई नेता इस मौके पर देवी के रथ पर नजर आए, अपने वीआईपी मिजाज की वजह से आम तौर पर जनता की पहुंच से दूर रहने वाले नेताओं के दर्शन भी देवी के साथ लोगों को सहज रूप से हुए।
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