कोरोना की दूसरी लहर में टैक्स न चुका पाने से खड़ी कर दीं बसें यात्री हो रहे परेशान

अनलॉक 5.0 में पूरी क्षमता से बसें चलाने की छूट दी गई है इसके बावजूद कई मार्गों पर अभी भी लोगों को आवागमन के साधन नहीं मिल रहे । जानकारी के मुताबिक जिले में संचालित वाहनों में से अभी भी कभी करीब 50 फीसदी वाहन खड़े हुए हैं जो पर्याप्त संख्या में सवारियां न मिलने या डीजल खर्च न निकलने के कारण नहीं चल पा रही हैं।

<p>narsinghpur</p>
नरसिंहपुर. अनलॉक 5.0 में पूरी क्षमता से बसें चलाने की छूट दी गई है इसके बावजूद कई मार्गों पर अभी भी लोगों को आवागमन के साधन नहीं मिल रहे । जानकारी के मुताबिक जिले में संचालित वाहनों में से अभी भी कभी करीब 50 फीसदी वाहन खड़े हुए हैं जो पर्याप्त संख्या में सवारियां न मिलने या डीजल खर्च न निकलने के कारण नहीं चल पा रही हैं। जानकारी के मुताबिक अभी भी बसें केवल उन्हीं मार्गों पर चल रही हैं जहां पर्याप्त संख्या में सवारियां मिलती हैं । इनमें गोटेगांव जबलपुर मार्ग पर ही पर्याप्त संख्या में गाडिय़ां हैं । जहां सवारियां कम हैं ऐसे रूट पर वाहन अभी भी नहीं चल रहे । इनमें सागर, करेली, गाडरवारा,छिंदवाड़ा मार्ग शामिल हैं।
नहीं चुका पाए टैक्स इसलिए खड़ी कर दीं बसें
जानकारी केे अनुसार दूसरी लहर में बसें बंद रहीं। ९ अप्रेल से लेकर ३१ मई तक बसें खड़ी रहीं। शासन ने इस अवधि का टैक्स माफ नहीं किया जबकि बस संचालकों के पास टैक्स जमा करने के लिए रुपए नहीं थे। कुछ बस मालिकों ने समय पर अपनी बसें खड़ी करने के लिए परिवहन विभाग में के फार्म जमा कर बस न चला पाने की छूट हासिल कर ली पर कुछ ऐसा नहीं कर सके जिससे विभाग के रिकार्ड में उनकी बस बंद नहीं है पर वे चला भी नहीं रहे। गौरतलब है कि विभाग के नियमानुसार यदि बस संचालन से छूट चाहिए तो पहले बकाया टैक्स जमा कर के फार्म जमा करना होता है। कई बस संचालक इस स्थिति में नहीं थे कि वे दूसरी लहर के लॉक डाउन का टैक्स जमा कर पाते इसलिए के फार्म भी नहीं भर पाए और इधर सवारियां न मिलने व डीजल खर्च न निकलने से बस भी नहीं चला पा रहे। जिसकी वजह से जिले में संचालित करीब ५० फीसदी बसें बंद हैं। इस कारण से यात्रियों को आवागमन के लिए पर्याप्त साधन नहीं मिल रहे। बस संचालकों की बड़ी परेशानी यह भी है कि वे जब भी के फार्म जमा करने जाएंगे उन्हें उस अवधि तक का टैक्स जमा करना होगा तभी बस न चलाने की छूट नियमानुसार मिल सकेगी। उनकी इस समस्या पर अभी तक शासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। जानकारी के अनुसार जिले में १६० बसें संचालित होती थीं जिनमें से अब केवल ८०-८५ बसें ही चल रही हैं।
महंगा पेट्रोल बना समस्या
कोरोना संक्रमण का डर अभी खत्म नहीं हुआ है । दूसरी ओर सोशल डिस्टेंस के साथ बसों में सफर करना संभव नहीं है । इन हालातों में कई लोग अपने निजी वाहनों से सफर कर रहे थे लेकिन अब पेट्रोल महंगा होने के कारण उन्हें आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है । जो लोग कार से यात्रा करते थे वह भी अब परेशानी में हैं।
नहीं मिल रहे काउंटर से ट्रेन के टिकट
दूसरी ओर रेलवे में केवल पैसेंजर गाडिय़ों को छोड़कर सभी गाडिय़ां स्पेशल गाडिय़ों के तौर पर चलाई जा रही हैं। जिनमें बिना आरक्षण के यात्रा करने की अनुमति नहीं है । इस वजह से यात्रियों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । जानकारी के मुताबिक नरसिंहपुर स्टेशन पर अप और डाउन में 30 जोड़ी गाडिय़ां रुक रही हैं । इनमें से शहरी क्षेत्र के लोग तो रिजर्वेशन करा कर आवागमन कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जानकारी के अभाव में या तकनीकी रूप से रिजर्वेशन कराने में सक्षम न होने के कारण परेशान हो रहे हैं । फिलहाल नरसिंहपुर स्टेशन पर केवल दो पैसेंजर गाडिय़ां रुक रही हैं जिनमें से एक प्रयागराज और दूसरी इटारसी सतना पैसेंजर गाड़ी है । केवल इन दो गाडिय़ों में अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करने की अनुमति है ।

वर्जन
अनलॉक ५.० में बसों का संचालन धीरे धीरे बढ़ा है, अधिकांश मार्गों पर बसें चल रही हैं। कुछ बस संचालकों ने के फार्म जमा कर बसों को न चला पाने के संबंध में छूट प्राप्त की है। नियमानुसार बकाया टैक्स जमा करने पर ही के फार्म जमा हो पाता है।
डॉ. जितेंद्र शर्मा, आरटीओ.
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