ये हैं अखबार की दुनियां के जांबाज, कोरोना का डर नहीं, पाठकों की परवाह

कोरोना के डर बीच हमारे समाचार पत्र वितरक बखूबी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। हर पाठक की खबर लेते हुए उन तक देश दुनियां की खबरें पहुंचा रहे हैं। कारोना संक्रमण से बचने के लिए अपनी पूरी सुरक्षा करते हुए घर घर अखबार पहुंचा रहे हैं।

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नरसिंहपुर. कोरोना के डर बीच हमारे समाचार पत्र वितरक बखूबी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। हर पाठक की खबर लेते हुए उन तक देश दुनियां की खबरें पहुंचा रहे हैं। कारोना संक्रमण से बचने के लिए अपनी पूरी सुरक्षा करते हुए घर घर अखबार पहुंचा रहे हैं।
अभिषेक पटेल- इस लॉक डाउन में जब सारा शहर एक दूसरे से प्रत्यक्ष रूप से कटा हुआ है तब हम और हमारे पाठक प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। हमारा साथ इस मुश्किल समय में बना हुआ है।
अंकित शुक्ला- हर व्यक्ति घर में कैद है न अपनों से मिल सकता है और न परायों को देख सकता है पर हम और हमारे पाठक रोज ही एक दूसरे से रूबरू हो रहे हैं। हमारा साथ बना हुआ है।
धर्मेंद्र पटेल- सलामत रहे दोस्ताना हमारा, बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, यह बात इन दिनों हम और हमारे पाठकों के बीच चरितार्थ हो रही है। कोरोना जैसे दुश्मन के बीच पाठकों से दोस्ती सलामत है।
मुकेश अग्रवाल- कोरोना के लॉक डाउन के बीच हम और हमारे पाठक ही एक दूसरे से सीधे जुड़े हुए हैं। रोज हम एक दूसरे से पूछ लेते हैं सब खैरियत तो है न। पाठकों से पत्रिका का रिश्ता अटूट है।
रजनीकांत विश्वकर्मा-जब विपरीत समय आता है तब अपनों की पहचान होती है पाठक कहते हैं इस मुश्किल घड़ी में पत्रिका समाचार पत्र ने हमारा साथ नहीं छोड़ा, हर हाल में अखबार पहुंचाया।
रीतेश पटेल- पत्रिका का और पाठकों का हर दिन का साथ है सुबह से यदि कोई हर घर में दस्तक दे रहा है तो वह है पत्रिका समाचार पत्र। शहर के लोग कहने लगे हैं पत्रिका है तो खबरों की दुनिया जिंदा है।
सतीश कोष्टी- कोरोना के संक्रमण के डर से जब पूरा देश घरों में कैद है और कोई भी अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहता । ऐसे में हम अपने पाठकों का ध्यान रखते हुए उन तक पत्रिका पहुंचा रहे हैं।
टिंकू कोल- कोरोना के डर के बीच लोगों को सोशल मीडिया की खबरों पर भरोसा नहीं। जब तक वे पत्रिका में खबर नहीं पढ़ लेते तब तक उन्हें यकीन नहीं होता। पाठक हमारा इंतजार करते हैें।
चंदू कोष्टी-कोरोना के लॉक डाउन के बीच इन दिनों हम और पत्रिका के पाठक एक दूसरे के माध्यम से पूरे शहर की खबर रख रहे हैं। हमें अपने शहर की खबर है और शहर की खबर हम उन्हें दे रहे हैं।
शिवा कश्यप-कोरोना संकट के मुश्किल समय में यदि कोई एक दूसरे के साथ है तो वो हैं हम और पत्रिका के पाठक। हमें पता है कि हमारे पाठक सलामत हैं और उन्हें पता है कि हमारा हॉकर ठीक है।
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