नागौर

माइक में आवाज धीमी आई तो भडक़े एसडीएम, वीडीओ पर फेंका माइक

खींवसर. राज्य सरकार बार-बार अधिकारियों को जनता और अधिनस्थ कर्मचारियों से सम्मानजनक व्यवहार रखने का पाठ पढ़ाती है। फिर भी कई अधिकारी अपनी कुर्सी का प्रभाव दिखाने से नहीं चुक रहे हैं। ऐसा ही घटनाक्रम शुक्रवार को ग्राम पंचायत टांकला में आयोजित प्रशासन गांवों के संग शिविर में देखने को मिला। शिविर प्रभारी एवं नागौर उपखण्ड अधिकारी सुनील पंवार माइक पर बोलने लगे तो माइक से आवाज धीमी आ रही थी।

नागौरOct 22, 2021 / 09:50 pm

Sandeep Pandey

एसडीएम ने पास बैठे विकास अधिकारी पर माइक फेंक दिया।

– एसडीएम के व्यवहार से नाराज ग्रामीणों ने किया शिविर का बहिष्कार
– माइक सेट मालिक ने की कलक्टर से शिकायत

ऐसे में तैश में आकर उन्होंने विकास अधिकारी को अभद्र शब्द बोलते हुए उनके ऊपर माइक फेंक दिया। इस दौरान विकास अधिकारी घायल होने से बाल-बाल बचे और माइक सेट टूट गया।
माइक सेट मालिक ने जब इस घटना को गलत बताया तो तैश में आए उपखण्ड अधिकारी पंवार ने उसे पुलिस बुलवाकर अंदर करवाने की धमकी दी। घटना से नाराज विकास अधिकारी श्रवणराम प्रजापत शिविर स्थल से बाहर चले गए तो ग्रामीण भी गुस्से में आए गए। बड़ी तादाद में एकत्रित ग्रामीणों ने शिविर का बहिष्कार कर दिया। बाद में कुछ लोगों ने मुश्किल से समझाइश कर मामला शांत किया।
उपखण्ड अधिकारी ने विकास अधिकारी को धमकाते हुए कहा कि मैंने तुम्हे कल भी कहा था कि व्यवस्थाएं शानदार होनी चाहिए, लेकिन इसमें आवाज सही नहीं आ रही। ऐसा कहते हुए एसडीएम ने पास बैठे विकास अधिकारी पर माइक फेंक दिया। माइक विकास अधिकारी के सिर से टकराने से बाल-बाल बचा।
माइक सेट मालिक ने की कलक्टर से शिकायत

माइक सेट टूटने से नाराज माइक सेट मालिक रामकिशोर प्रजापत ने उपखण्ड अधिकारी की कलक्टर से शिकायत की है। कलक्टर को भेजे शिकायती पत्र में प्रजापत ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी ने माइक की बंद आवाज को चालू करने की बजाए उसमें आवाज नहीं आने का कहकर जमीन पर पटक दिया, जिससे माइक टूट गया और उसे करीब ११ हजार रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ। जब उसने एसडीएम से कहा कि आपने माइक की आवाज चालू किए बिना आवाज नहीं आने का कहते हुए माइक फेंक दिया। उसके इतना कहते ही उपखण्ड अधिकारी भडक़ गए और कहा तुझे ज्यादा पंचायती आती है मैं उपखण्ड अधिकारी हूं कहते हुए अभ्रद व्यवहार किया। उपखण्ड अधिकारी के व्यवहार से उसे शर्मिदा होना पड़ा तथा मानसिक पीड़ा हुई। उसने कलक्टर से उपखण्ड अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की है।
आते ही रहे विवादों में

उपखण्ड अधिकारी पंवार शिविर में भाग लेने टांकला जा रहे थे तो इस दौरान रास्ता भटक गए तथा कच्चे खातेदारी के रास्ते से होते हुए शिविर स्थल पर पहुंचे। रास्ता जगह-जगह बंद था। जिस पर उपखण्ड अधिकारी गुस्से में आए गए तथा शिविर में आते ही राजस्व अधिकारियों को किसानों द्वारा की गई तारंबदी को तोडक़र रास्ता खुला करने के आदेश दिए। राजस्व अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जिस रास्ते से वे आए हैं वो खातेदारी का है जिस पर एसडीएम शंात हुए।
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