जड़ा तालाब के घाट की जमीन धंसी, हादसे की आशंका

जमीन धंसने से पत्थर हुए उबड़-खाबड़, निर्माण कार्य के गुणवत्ता की खुली पोल

<p>The ground of ghat of Jada talab has sunk, possibility of accident</p>
नागौर. शहर के ऐतिहासिक जड़ा तालाब में पर्यटन विभाग द्वारा बनाए घाट की जमीन धंसने से सौंदर्यकरण बिगड़ रहा है। करीब एक करोड़ रुपए से करवाए गए घाट निर्माण से एक ओर जहां तालाब के सौंदर्य में चार चांद लग गए थे, वहां जमीन धंसने से घाट पर लगाए गए पत्थर ऊपर-नीचे हो गए हैं।
गौरतलब है कि जड़ा तालाब में नौकायन करवाने के लिए नगर परिषद ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और ठेकेदार फर्म को 1.57 लाख रुपए में ठेका दिया है। अब जल्द ही ठेकेदार यहां नौकायन शुरू करेगा, जिसके बाद तालाब के घाटों पर शहरवासियों की भीड़ बढ़ेगी। ऐसे में जमीन धंसने से क्षतिग्रस्त हुए घाट पर हादसे की आशंका बढ़ गई है।
मॉनिटरिंग के अभाव में हुआ घटिया निर्माण
करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व राजस्थान पत्रिका द्वारा शुरू किए गए अभियान के बाद तालाब के सौंदर्यकरण के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए स्वीकृत किए। इसमें एक करोड़ 10 लाख रुपए अमृत मिशन के तहत सिटी पार्क विकसित करने के लिए तथा करीब इतने ही रुपए का बजट पर्यटन विभाग को दिया गया। पर्यटन विभाग ने वीर अमरसिंह राठौड़ की छतरियों के पास एवं उत्तर दिशा में हैरिटेज लुक में घाट निर्माण का ठेका आरटीडीसी को दिया। आरटीडीसी ने ठेकेदार को कार्यादेश देकर आंखें मूंद ली, जिसके चलले ठेकेदार ने कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा और लीपापोती करते हुए घाट बना दिए। लेकिन जैसे ही तालाब में पानी भरा गया तो घाट के नीचे की जमीन धंसने लगी, जिससे पूरा सौंदर्यकरण खराब हो गया।
ठीक करवाने के लिए लिखेंगे पत्र
नागौर के जड़ा तालाब के घाटों का काम हमने आरटीडीसी से करवाया था। यदि घाटों की जमीन धंसी है तो सोमवार को ही इस सम्बन्ध में आरटीडीसी को पत्र लिखेंगे।
– अजय शर्मा, सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग, अजमेर
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