माता के गर्भ से बालक को मिल जाते हैं संस्कार

Nagaur. अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान हुए महायज्ञ एवं गोष्ठी

<p>Nagaur. Gayatri family performing havan under the auspices of All World Gayatri Parivar Shantikunj Haridwar in Hanuman temple complex located in Vyas Colony.</p>

नागौर. बालक को संस्कार आना मां के गर्भ से प्रारंभ हो जाता है। यह विचार व्यास कालोनी स्थित हनुमान मंदिर परिसर में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान हुए महायज्ञ एवं गोष्ठी में राधेश्याम सोनी ने व्यक्त किए। शांतिकुंज हरिद्वार से आए सोनी ने कहा कि भक्त ध्रुव, प्रहलाद एवं अष्टावक्र सरीखे महापुरुषों को संस्कार उनकी मांं के गर्भ में ही मिल गए थे। इन महापुरुषों ने गर्भ में मिले संस्कार के अनुरूप आचरण कर अपनी उपयोगिता साबित कर दी। गर्भवती माता को पोष्टिक आहार लिएजाने के साथ ही चिंतारहित रहना चाहिए, ताकी बच्चा स्वस्थ हो। ऐसा नहीं होने पर अस्सी प्रतिशत मामलों में बालक रोगी ही पैदा होता है। आहार की पौष्टिकता के साथ यथासमय का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही निर्धारित परंपरानुसार जन्म से जुड़े अन्य संस्कार भी विधिपूर्वक करने चाहिए। स्वाइसी बोर्ड सदस्य भोजराज सारस्वत ने संस्कारों की महत्ता पर प्रकाश डाला। लघु उद्योग भारती अध्यक्ष बनवारीलाल अग्रवाल ने संस्कारों की पृष्ठभूमि पर चर्चा की।
हुआ यज्ञ
कार्यक्रम मे गोष्ठी के पश्चात यज्ञ शुरू हुआ। यह शांतिकुंज से आए धारीलाल, उपेन्द्र एवं दिलीप कुमार के निर्देशन में हुआ। इसमें राजेन्द्र प्रजापत, सरोज प्रजापत मुख्य यजमान बने। इसके अलावा हनुमान ओझा, रामेश्वर सारस्वत, राजू, भरत ओझा, अशोक पंचारिया, दीपक, अशोक चांडक एवं नंदकिशोर शर्मा आदि ने आहूतियां दी। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत एवं मंगल तिलक मुकुंद पित्ती, राजू गौड़ एवं अशोक चाण्डक एवं राजेन्द्र ने किया। अतिथियों का सम्मान स्पाइसी बोर्ड सदस्य भोजराज सारस्वत, लघु उद्योग भारती अध्यक्ष बनवारीाल अग्रवाल, रामसिंह एवं रमेश ओझा ने किया। संचालन युवा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक जुगलकिशोर शर्मा ने किया। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में मुकेश ओझा, श्रीराम राहुल, धीरज, गणपत, रमेश वर्मा, कैलाश जोशी, रमेश गौड़, पुर्षोत्तम, अनिता, पूर्णिमा, मंजू सारस्वत, शिवानी एवं रेणु आदि लगी रहीं।

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