योग निद्रा से उठे श्रीहरि, श्रद्धा से मनाई देवउठनी एकादशी

मांगलिक कार्यों की शुरुआत आज से, तुलसी संग ब्याह रचाएंगे शालिग्राम

<p>योग निद्रा से उठे श्रीहरि, श्रद्धा से मनाई देवउठनी एकादशी</p>
नागौर. देवउठनी एकादशी से सावों की सीजन शुरू हो जाएगी। साथ ही मांगलिक आयोजन भी शुरू होंगे। शालिग्राम संग तुलसी विवाह के आयोजन भी होंगे। एकादशी को लेकर श्रद्धालुओं में उल्लास बना हुआ है। श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष कार्यक्रम होंगे। हालांकि कोरोना काल में मंदिरों में भी कम संख्या में ही भक्त आ रहे हैं, लेकिन एकादशी पर शृंगार एवं अर्चना के विशेष कार्यक्रम होंगे। भजन-कीर्तन किए जाएंगे। श्रद्धालु व्रतोपवास कर श्रीहरि की आराधना करेंगे। कई जगह तुलसी विवाह के आयोजन भी होंगे। श्रीकृष्ण मंदिर से शालिग्राम भगवान की बारात रवाना होगी तथा तुलसी संग ब्याह रचाया जाएगा।
यह है धार्मिक महात्म्य
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को चार महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं। इसके बाद वे कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को वापस जागते हैं। इसे देवउठनी एकादशी कहते हैं। उनके निद्राकाल के इन चार महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता। देवउठनी एकादशी से ही मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी का बेहद महत्व है।
अब खुली सावों की सीजन
लम्बे समय बाद सावों की सीजन रहने से आपाधापी मची हुई है। इतने दिनों तक वैवाहिक आयोजनों पर भी रोक थी। धार्मिक रूप से देवउठनी एकादशी के बाद सावों की सीजन खुल चुकी है। अब दिसम्बर माह में भी शादियां होंगी। ऐसे में लोग अभी से तैयारियों में जुटे हुए हैं।
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