अंगोर भूमि के पट्टे जारी करने की सूचना पर एसडीएम पहुंचे नगर परिषद, फाइलें थैले में डालकर भागा कर्मचारी

कर्मचारी पर लगाया पत्रावलियां थैले में डालकर फरार होने का आरोप, एसडीएम के निरीक्षण के बाद नगर परिषद कर्मचारियों ने कहा – दखलांदाजी बर्दास्त नहीं करेंगे, पेनडाउन की चेतावनी

<p>Nagaur SDM arrives at Nagar parishad on notice of release of lease of Angor</p>
नागौर. नगर परिषद नागौर द्वारा गैर मुमकिन अंगोर भूमि के पट्टे जारी करने का मामला दिनों-दिन तूल पकड़ता जा रहा है। गत दिनों नागौर एसडीएम द्वारा की गई जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक ने नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई को चार्जशीट देकर जांच कमेटी गठित की थी। वहीं डीएलबी को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इस बीच मंगलवार को नगर परिषद में एक ओर बखेड़ा खड़ा हो गया।
हुआ दरअसल यूं कि एसडीएम अमित कुमार मंगलवार दोपहर को पत्रावलियों की जांच करने अचानक नगर परिषद पहुंच गए। हालांकि सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा फाइलें नहीं देने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा, लेकिन दूसरी तरफ नगर पालिका कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष हरिकिशन विश्नोई ने एसडीएम के खिलाफ प्रेस नोट जारी कर दिया, जिसमें उन्होंने एसडीएम पर झूठी व मनगढ़ंत शिकायतों के बहाने दखलांदाजी देने का विरोध करते हुए पेन डाउन हड़ताल की चेतावनी तक दे डाली। कर्मचारियों ने बताया कि ऐसे माहौल में कार्य करना संभव नहीं है। जरूरत पडऩे पर सफाई कर्मचारियों को भी हड़ताल में शामिल किया जाएगा।
जिस भूमि से डेढ़ महीने पहले हटाया अतिक्रमण, उसी के पट्टे देने की तैयारी!
एसडीएम अमित चौधरी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार गत 8 सितम्बर को ताऊसर रोड स्थित खसरा नम्बर 381/990 की साढ़े 5 बीघा गैर मुमकिन अंगोर भूमि से नगर परिषद आयुक्त व नागौर तहसीलदार की उपस्थिति में अतिक्रमण हटवाकर नगर परिषद की सम्पति का बोर्ड लगवाया था, जिसकी निगरानी के लिए आयुक्त को पाबंद किया था। एसडीएम ने बताया कि उन्हें गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली कि सम्बन्धित अतिक्रमियों से साठ-गांठ कर काबिज व्यक्तियों के नियमन सम्बन्धी कार्रवाई की जा रही है। यह जानकारी मिलने पर वे मंगलवार को जांच करने नगर परिषद पहुंचे तथा 181 खसरे के अलावा खसरा नंबर 532 की पत्रावली भी तलब की गई तो सम्बन्धित कार्मिक हरिकिशन विश्नोई पत्रावलियों की सूची बना कर उन्हें देने की तैयारी करने में लग गया। इसी दौरान उसके पास किसी का फोन आया और वह पत्रावलियां एक थैले में डालकर कक्ष के ताला लगाकर एक लग्जरी कार में बैठकर फरार हो गया और चाबी भी अपने साथ ले गया। एसडीएम ने इस सम्बन्ध में नागौर डीएसपी को पत्र लिखकर वाहन व कार्मिक को दस्तयाब कर उनके समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं।
कलक्टर को लिखा पत्र
एसडीएम चौधरी ने जिला कलक्टर को भी पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि जांच में पाया गया कि उक्त प्रकरण से सम्बन्धित पत्रावली संख्या 58/2019-20, 59/2019-20 एवं 60 /2019-20 में नियमन राशि जमा हो चुकी है, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका सत्यापित होती है। एसडीएम ने बताया कि कर्मचारी के फरार होने के बाद उन्होंने आयुक्त से बात की तो उन्होंने अपनी लोकेशन जोधपुर बताई, लेकिन इसके तुरन्त बाद ही आयुक्त अपने कार्यालय में उपस्थित थे।
अंगोर भूमि का नियमन नहीं होने देंगे
अब्दुल रहमान प्ररकण में राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय व जगमालसिंह बनाम उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार सन 1947 की यथास्थिति (अंगोर भूमि, जोड़, पायतन गौचर जैसी) रखनी है। इसलिए किसी भी गैर मुमकिन अंगोर भूमि का इस का प्रकार का नियमन कर भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। जिला कलक्टर से मिले निर्देशानुसार आगे भी इस प्रकार की गैर मुमकिन एवं गौचर भूमि पर किए गए अतिक्रमणों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
– अमित कुमार चौधरी, उपखण्ड अधिकारी, नागौर
फाइलें लगी हैं, लेकिन पट्टा किसी को नहीं दिया
गैर मुमकिन अंगोर भूमि का नियमन करने के लिए करीब 11 फाइलें लगाई गई हैं, लेकिन अब तक किसी को भी पट्टा जारी नहीं किया गया है और न ही किसी को जारी किया जाएगा।
– जोधाराम विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर
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