केन्द्रीय बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मचारियों को ढोल बजाते देखकर यात्रियों में कौतूहल की स्थिति रही। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों का बकाया वर्ष 2016 से है। सरकार न तो नई भर्ती कर रही है, और न ही कर्मचारियों को अन्य विभागीय सुविधाएं मुहैया करा रही है। सातवां वेतन आयोग आज तक नहीं मिला। जबकि पूर्ववर्ती एवं वर्तमान सरकार के समय में भी उच्च स्तर पर हुए समझौते के तहत अब तक 11 सूत्रीय मांगें पूरी हो जानी चाहिए थी। इस संबंध में कर्मचारी यूनियन की ओर से प्रदेश की राजधानी जयपुर सहित विभिन्न जिलों में चरणबद्ध तरीके से चल रहे आंदोलन के तहत विरोध जताकर मांगों को जल्द पूरा करने का आग्रह किया गया था, लेकिन सरकार अनसुनी कर रही है। विडंबनाप यह है कि राज्य सरकार के कर्मचारी हो या, फिर केन्द्र सरकार के, सभी को मद के अनुसार सरकारें भुगतान कर रही हैं, लेकिन रोडवेज कर्मियों के लिए भुगतान के लिए सरकार के पास न तो बजट रहता है, और न ही इनकी परवाह रहती है। इससे सरकार की नीयत संदेह के घेरे में अ है। इस दौरान संघर्ष समिति अध्यक्ष मेहराम फरड़ोदा, एटक यूनियन शाखा कार्यकारी अध्यक्ष शिवदानराम भांभू, इंटक के प्रदेश सचिव जगदीशराम इनाणियां, जगदीश डिडेल, सोहनलाल बारुपाल, श्रवण सिंह चौधरी, हनुमानराम भाकल, ओमप्रकाश गहलोत, छोटूराम रिणवा आदि मौजूद थे।