बालवाणी कार्यक्रम आज से, रचनाएं आमंत्रित
नागौर. कोविड-19 के दौरान बच्चों व युवाओं के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, यूनिसेफ व आकाशवाणी की ओर से बालवाणी कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके लिए रचनाएं आमंत्रित की गई है।
तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष प्रशांत शर्मा के निर्देशानुसार बालवाणी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नागौर मुख्यालय स्थित सभी लीगल लीट्रेसी क्लब, सरकारी व गैर सरकारी स्कूल, बाल सम्प्रेषण गृह, चोखोघर आदि को निर्देशित किया गया। इसके तहत 3 जून से राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण का बालवाणी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें युवा एवं बच्चे जो भी अपनी प्रस्तुति, कहानी, कविता, चुटकुले, गीत या अन्य कोई भी रचना रिकॉर्ड करवाना चाहते हैं वे सुबह 11 से 12 बजे तक सम्पर्क कर सकते हैं। दूरभाष नम्बर-0141-2200600 व 2366477 रहेंगे।
नागौर. कोविड-19 के दौरान बच्चों व युवाओं के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, यूनिसेफ व आकाशवाणी की ओर से बालवाणी कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके लिए रचनाएं आमंत्रित की गई है।
तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष प्रशांत शर्मा के निर्देशानुसार बालवाणी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नागौर मुख्यालय स्थित सभी लीगल लीट्रेसी क्लब, सरकारी व गैर सरकारी स्कूल, बाल सम्प्रेषण गृह, चोखोघर आदि को निर्देशित किया गया। इसके तहत 3 जून से राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण का बालवाणी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें युवा एवं बच्चे जो भी अपनी प्रस्तुति, कहानी, कविता, चुटकुले, गीत या अन्य कोई भी रचना रिकॉर्ड करवाना चाहते हैं वे सुबह 11 से 12 बजे तक सम्पर्क कर सकते हैं। दूरभाष नम्बर-0141-2200600 व 2366477 रहेंगे।
हरिण के शावक को बचाया
नागौर. निकटवर्ती पोटलिया मांजरा गांव की सीमा में हरिण के शावक को ग्रामीणों ने स्वानों के चंगुल से छुड़ाया। गांव के महंत ओमपुरी ने बताया कि हरिण के शावक पर स्वानों ने हमला कर दिया था। इसे डूंगरसिंह, गजेसिंह, पदमाराम नायक, मूला राम प्रजापत व भवानीसिंह ने बचाया। बाद में उसका प्राथमिक उपचार कर वन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया।
नागौर. निकटवर्ती पोटलिया मांजरा गांव की सीमा में हरिण के शावक को ग्रामीणों ने स्वानों के चंगुल से छुड़ाया। गांव के महंत ओमपुरी ने बताया कि हरिण के शावक पर स्वानों ने हमला कर दिया था। इसे डूंगरसिंह, गजेसिंह, पदमाराम नायक, मूला राम प्रजापत व भवानीसिंह ने बचाया। बाद में उसका प्राथमिक उपचार कर वन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया।