रात को रोशन नहीं रहता रीको, अंधेरे में डूबे रहते हैं चौराहे भी

औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयों तक जाने वाले मार्ग तक नजर नहीं आते, बीकानेर रोड से जुड़ा है रीको एरिया, अंधेरे के कारण हरदम रहता हादसे का अंदेशा

<p>रात को रोशन नहीं रहता रीको, अंधेरे में डूबे रहते हैं चौराहे भी</p>
नागौर. रात को यदि हाइवे से गुजर रहे हैं आपको पता नहीं चलेगा कि औद्योगिक क्षेत्र आ गया या नहीं। बीकानेर रोड स्थित रीको एरिया में रोशनी का अभाव लोगों की समस्या बढ़ा रहा है। एरिया की गलियां तो दूर मुख्य चौराहे व प्रमुख मार्ग तक रोशन नहीं रहते। ऐसे में रात को सुचारू रहने वाली इकाइयों में आवागमन करने वाले उद्यमी और श्रमिक भारी समस्या झेल रहे हैं। अंधेरा छाया रहने से हरदम हादसे का अंदेशा बना हुआ है।
तिराहों पर भी नहीं रोशनी
हाइवे से रीको एरिया में प्रवेश के कई मार्ग है। इनमें से कुछ मुख्य मार्गों पर तिराहे से बने हुए हंै, लेकिन इन जगहों पर भी रोशनी के प्रबंध नहीं कर रखे। हाइवे से इकाइयों के लिए आ रहे बाहरी लोगों को बिना किसी चिह्न के इकाई का रास्ता ढूंढना भी मुश्किल हो जाता है।
नहीं तो आगे निकल जाते हैं
उद्यमी बताते हैं कि रात को अंधेरा रहने से इकाइयों तक पहुंचना दुरूह काम है। इकाई में माल दिखाने के लिए किसी पार्टी को भी यहां बुलाना हो तो मुख्य रास्ते तक उनकी अगवानी के लिए जाना पड़ता है। अन्यथा अंधेरे में कई बार रीको एरिया से आगे निकल जाते हैं।
कहीं पोल है तो कहीं कुछ नहीं
बताया जा रहा है कि औद्योगिक क्षेत्र में कुछ जगह बिजली पोल लगे हुए हैं, लेकिन इन पर रोशनी के प्रबंध नहीं है। इन पोल पर लाइट कब लगेगी कह नहीं सकते। वैसे कुछ हिस्से में न तो पोल है और न ही पथ प्रकाश की व्यवस्था। ऐसे में रीको एरिया का अधिकतर हिस्सा रात को अंधेरे में गुम रहता है।
प्रबंध करवाएंगेे…
औद्योगिक क्षेत्र में बिजली के प्रबंध कर रखे हैं। कुछ जगहों पर पोल नहीं है। फिर भी जेइएन को भेजकर पता करवाते हैं। जहां भी रोशनी नहीं होगी, वहां जल्द ही रोशनी के प्रबंध करवाएंगे।
अखिल अग्रवाल, रीको क्षेत्रीय प्रबंधक, नागौर
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