बुधवार सुबह पौने 7 बजे जोधपुर-जयपुर इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन आने पर बंद हुए रेलवे फाटक के दोनों वाहनों की कतारें लग गई। इस दौरान कुछ वाहन चालकों ने वाहनों को गलत दिशा में खड़ा कर दिया। जिससे ट्रेन निकलने के बाद फाटक खुलने पर मुख्य ट्रेक पर वाहनों की लाइनें लग गई।
दरअसल रेलवे गेट सी-85 पर ऐसी स्थिती दिन में कई बार देखने को मिलती है। गौरतलब है कि इसी समस्या को देखते हुए ग्रामीणों द्वारा बार-बार ओवर ब्रिज निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेलवे सूत्रों के अनुसार इन दिनों रेण रेलवे फाटक 24 घंटे में 70-75 बार बंद होता है। वही लॉकडाउन से पहले 24 घंटे में 150 ट्रेनों का आवागमन होता था। ऐसे में बार-बार बंद फाटक व लम्बे जाम से बड़ी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने राजसमंद सांसद दीया कुमारी, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नाम ग्राम सरपंच रामकिशोर मेघवाल को पत्र भेजकर उक्त समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
रेण बाइपास सडक़ कार्य अधूरा
इधर, एनएच 89 को जोडऩे वाले रेण बाइपास सडक़ निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा है। एनएच 89 को जोडऩे वाला ये बाइपास रेण रेलवे फाटक पर मिलता है। बड़े वाहनों की आवाजावी के लिए बनने वाला ये बाइपास कार्य लम्बे समय से अधूरा पड़ा है। इस बाइपास के अधूरे रहने का मुख्य कारण बाइपास सडक़ मार्ग के दोनों ओर खेतों के मालिकों को मुआवजा नहीं मिलना है। लम्बे समय से इस पर विवाद चल रहा है।